केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार को लिखा पत्र, चिट्ठी में पंजाब के जमीदारों पर लगे गंभीर आरोप

केंद्र सरकार के द्वारा पंजाब सरकार को एक पत्र लिखा गया है जिसमें केंद्र सरकार ने कहा है कि पंजाब के किसान जमीदार उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूरों को बंधुआ मजदूर बना रहे हैं। पत्र में लिखा गया कई मजदूरों को नाम मात्र का वेतन देकर उनसे घंटों काम करवाया जाता है और नशे की आदत के चलते ये मजदूर बंधुआ मजदूर की तरह रहने को मजबूर हैं।

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चित्र साभार: ट्विटर @capt_amarinder

केंद्र सरकार के द्वारा पंजाब सरकार को भेजी गई एक चिट्ठी राजनीति का केंद्र बन चुकी है। इस चिट्ठी में लिखा गया है कि पंजाब प्रांत के किसान जमीदार उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूरों को नशे का आदी बनाकर बंधुआ मजदूर की तरह रख रहे हैं। उनको नाम मात्र का वेतन देकर उनसे घंटों काम करवाया जा रहा है।इस पूरे मामले में पंजाब के सीमावर्ती जिलों अमृतसर, गुरदासपुर, फिरोजपुर और फाजिल्का में बीएसएफ के द्वारा साल 2019 और 2020 में करीब 58 मजदूरों को जमींदारों के चंगुल से छुड़वाने का हवाला भी दिया गया है। लेकिन इस मामले को तूल न देते हुए पंजाब की क्षेत्रीय पार्टियों ने इसे केंद्र सरकार की प्रदेश के किसानों के खिलाफ साजिश नाम दे दिया है।

पंजाब के जमीदार उत्तर प्रदेश बिहार के किसानों को बना रहे हैं बंधुआ मजदूर

गृह मंत्रालय द्वारा पंजाब के चीफ सेक्रेटरी को भेजे इस पत्र में कहा गया है कि BSF द्वारा साल 2019 और साल 2020 में करीब 58 लोगों को पंजाब के गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर और अबोहर सीमा क्षेत्रों से पकड़ा गया है। पूछताछ करने पर यह बात पता चली थी कि उनमें से बहुत सारे लोग आंशिक रूप से चुनौतीपूर्ण स्थिति में हैं।और वे पंजाब के गांवों में बंधुआ मजदूर की तरह काम कर रहे हैं। इन लोगों को इनके गृह राज्यों से पंजाब लाया जाता है, इनसे अच्छे वेतन का वायदा किया जाता है लेकिन यहां नशे की लत लगाकर इनसे अत्यधिक काम कराया जाता है। जहां इनकी स्थिति बंधुआ मजदूरों की होती है। इस मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई की जाए।

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