महाराष्ट्र में फिर तेजी से लौट रहा है कोरोना, BMC ने दी 500 सोसाइटी को सील करने की चेतावनी

देशभर में लगातार कोरोनावायरस लो में कमी हो रही है,वहीं दूसरी तरफ केरल और महाराष्ट्र में संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि आप लोगों के ऊपर है कि वह लॉकडाउन चाहते हैं या फिर कोरोना के कारण बने नियमों का पालन करना चाहते हैं,वही खबर आ रही है कि बीएमसी के द्वारा करीब 500 सोसाइटीज को लीगल नोटिस भेजा जा चुका है।

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चित्र साभार: ट्विटर @OfficeofUT

महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते दिखाई दे रहे हैं इसी श्रंखला में BMC ने 500 सोसाइटीज को एक नोटिस भी थमा दिया है जिसके जरिए उन सोसाइटीज को सील किया जा सकता है देशभर में कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट आ रही है लेकिन महाराष्ट्र में अभी भी ऐसा होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है।मुंबई-वेस्‍ट वार्ड जिसमें चेम्‍बूर और तिलक नगर का इलाका आता है, बीएमसी ने सख्‍ती बढ़ा दी है। 550 हाउसिंग सोसायटीज के बाहर नोटिस चिपकाया गया है कि अगर केसेज बढ़ते रहे तो उन्‍हें सील कर दिया जाएगा। मुंबई के 5 वॉडों के कोरोना मरीजों की संख्‍या में 40-50% का इजाफा देखा गया है।

बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण मामलों पर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है, “केंद्र सरकार घोर लापरवाही बरत रही है और कोविड-19 को लेकर अतिविश्वास में है। यह अभी खत्म नहीं हुआ है।’’ लेकिन दूसरी तरफ जिस राज्य में उनके समर्थन की सरकार है वहां लगातार संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है और लॉकडाउन को दोबारा लगाने की बातें भी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि भारत में जो नए संक्रमण के मामले आ रहे हैं। उनमें से 60% मामले केवल केरल और महाराष्ट्र राज्य में है स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 24 घंटे में इन्हीं दोनों राज्यों में 500 नई संक्रमित मरीजों की खबर सामने आई है।पूरे देश में पिछले 24 घंटों के भीतर कोरोना के 11,610 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 3,663 अकेले महाराष्‍ट्र से हैं। महाराष्‍ट्र से ज्‍यादा मामले केवल केरल (4,937) से सामने आए हैं।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को ही प्रदेशवासियों को चेतावनी देते हुए कहा था,”लोग लापरवाह हो गए हैं। यह लोगों के ऊपर है कि वे लॉकडाउन चाहते हैं या अभी जितनी कम बंदिशों के साथ जीते रहना चाहते हैं।”

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