गणतंत्र दिवस के दिन देश की राजधानी दिल्ली में किसानों के नाम पर ट्रैक्टर रैली निकाली गई, हालांकि यह ट्रैक्टर रैली बाद में एक उग्र रैली में परिवर्तित हुई और इसने पुलिस के जवानों को अपने निशाने पर ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर कहीं बैरिकेट्स चढ़ाये,तो कहीं करतब दिखाते हुए ट्रैक्टर पुलिसकर्मियों पर चढ़ने को उतारू थे। कहीं पर महिला पुलिस कर्मी के साथ बदसलूकी की जा रही थी तो कहीं तलवार के साथ भी पुलिसकर्मियों पर वार किया गया। लाल किले में दिल्ली पुलिस के जवानों ने खाई में कूद कर अपनी जान बचाई। तो बहुत सारे स्थानों पर अकस्मात पुलिसकर्मियों पर बारिश हुआ जिससे वे गंभीर रूप से जख्मी हो गए।
अब बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस उन सभी पुलिस के जवानों को सहायता राशि प्रदान करेगी जो दिल्ली को बचाने के लिए ट्रैक्टर रैली में घायल हुए थे। मीडिया रिपोर्ट के हवाले से जो खबर आई है उसके अनुसार ट्रैक्टर रैली के कारण गंभीर रूप से जख्मी हुए पुलिस के जवानों को दिल्ली पुलिस की ओर से 25000 तथा कम गंभीर रूप से जख्मी हुए जवानों को 10000 रूपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। जो बातें अब तक मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आई हैं उनके अनुसार करीब 394 दिल्ली पुलिस के लोग इस पूरी हिंसा में गंभीर रूप से घायल हुए हैं। करीब 1700 वीडियो फुटेज के जरिए दिल्ली पुलिस इस पूरी हिंसा की जांच कर रही है। लाल किले पर धर्म विशेष का झंडा फहराने वालों के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस उन लोगों की तलाश भी कर रही है जिन्होंने लाल किले पर झंडा लगाया था। फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के दल साक्ष्य एकत्र करने के लिए गाजीपुर, लाल किला और आईटीओ भी गए थे।इस पूरी जांच में हरियाणा,पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश की पुलिस एक साथ कार्य कर रही है।