प्रधानमंत्री मोदी ने बजट सत्र के लिए अपने एजेंडे को स्पष्ट करते हुए सर्वदलीय मीटिंग का आयोजन किया। इस मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा का भी जिक्र किया और उन्होंने बताया कि किस तरह से इस पूरे मुद्दे को हल किया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मीटिंग के दौरान कहा कि मैं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की बातों को दोहराना चाहता हूं। हम किसी भी सहमति पर नहीं पहुंचे हैं लेकिन हम आपको एक प्रस्ताव दे रहे हैं। मैं आपसे केवल एक फोन कॉल दूर हूं आप फोन करेंगे मैं बात करूंगा। उनकी सरकार इस पूरे मामले को सुलझाने के लिए सभी संभव प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 22 जनवरी को सरकार की ओर से किसान संगठनों के सामने जो प्रस्ताव रखे गए थे सरकार अभी भी उन प्रस्तावों पर राजी है। हम आपको बता दें 22 जनवरी को सरकार ने किसान संगठनों के सामने 18 महीने तक इन कानूनों को रोकने का प्रस्ताव रखा था लेकिन उसके बावजूद भी किसान इस बात पर राजी नहीं हुए थे।
जब से संसद से यह कानून पास हुए हैं तब से लेकर आज तक लगातार विपक्ष सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।
इस समय ऐसा बताया जा रहा है कि इस सर्वदलीय बैठक में विपक्ष कानूनों पर दोबारा बहस करने की मांग रख सकता है। क्योंकि कल जब भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बजट सत्र से पहले अपना अभिभाषण दिया था तब 19 दलों ने उनके अभिभाषण का बायकाट कर दिया था। ऐसे में अगर संसद में दोबारा बहस का आयोजन होगा तब ही विपक्ष के दल इस बजट सत्र में शामिल हो पाएंगे।