शराब पीने वालों को लेना होगा लाइसेंस, जानिए क्या है इस खबर का सच

उत्तर प्रदेश की सरकार के द्वारा यह तय किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति को तय सीमा से ज्यादा शराब जमा करनी है तो उसे लाइसेंस लेना होगा। 51 हजार रुपए इस लाइसेंस का सिक्योरिटी शुल्क होगा।

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सांकेतिक चित्र

शराब एक ऐसी चीज हो गई है जिसकी लक्ष्य देश के बहुत सारे लोगों को है वह लोग शराब के बिना रह भी नहीं पाते जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण हमने लॉकडाउन के समय में देखा था जब सरकार ने मधुशालाओं को खुलवाया था। लेकिन इसी बीच शराब पीने वालों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसा नया नियम लागू किया है जो बहुत सारे लोगों को पसंद नहीं आएगा। सूत्रों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि अब यदि किसी भी व्यक्ति को तय सीमा से ज्यादा शराब एकत्रित करनी है तो उसे आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना होगा। इस लाइसेंस के लिए व्यक्ति को प्रतिवर्ष 12000रूपये आबकारी विभाग को जमा करने होंगे तथा 51000रूपये लाइसेंस का सिक्योरिटी शुल्क भी होगा। यदि कोई भी व्यक्ति बिना लाइसेंस लिए सीमा से ज्यादा शराब विकसित करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।

यह लाइसेंस उस व्यक्ति को मिलेगा जो लगातार पांच वर्षों से इनकम टैक्स भर रहा हो। लाइसेंस के लिए आवेदन के समय इनकम टैक्स रिटर्न भरने की रसीद भी देनी होगी। साथ ही आवेदकों को अपने आवेदन के साथ पैन कार्ड आधार कार्ड की कॉपी भी जमा करनी होगी।यूपी सरकार की तरफ से जारी की गई नई नीति के मुताबिक, देशी और अंग्रेजी शराब के अलावा बीयर और भांग की फुटकर दुकानों व मॉडल शॉप के लाइसेंस भी रिन्यू किए जाएंगे। देशी और अंग्रेजी शराब की फुटकर दुकानों के साथ मॉडल शॉप की लाइसेंस फीस में महज 7.5 फीसदी वृद्धि की गई है।

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