गणतंत्र दिवस पर गुरु तेग बहादुर के बलिदान को समर्पित होगी पंजाब की प्रमुख झांकी, धर्म की रक्षा हेतु दिया था सर्वोच्च बलिदान

इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में पंजाब राज्य की ओर से सिखों के 9वे गुरु गुरु तेग बहादुर के बलिदान का दृश्य दिखाई देगा। गुरु तेग बहादुर ने धर्म तथा राष्ट्र की सुरक्षा हेतु दिल्ली के चांदनी चौक में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।

0
498
चित्र साभार: ट्विटर @BJP4India

गणतंत्र दिवस की परेड में अलग अलग राज्य की अलग-अलग झांकियां हर बार प्रस्तुत होती हैं। जैसे उत्तर प्रदेश की ओर से इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर की झांकी दिखाई जाएगी। वहीं पंजाब की ओर से इस गणतंत्र दिवस की परेड में सिखों के 9 वें गुरु गुरु तेग बहादुर जी के सर्वोच्च बलिदान की झांकी दिखाई जाएगी। यह झांकी गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाश वर्ष को प्रत्यक्ष करेगी।

गुरु तेग बहादुर जी गुरु गोविंद सिंह के पिता थे और कश्मीरी पंडितों की समस्याओं को देखते हुए उन्होंने औरंगजेब को चुनौती दी थी। गुरु तेग बहादुर का जन्म 1 अप्रैल 1621को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। इस्लाम न कुबूल करने के कारण और धर्म तथा राष्ट्र की रक्षा करने के कारण उनका सर्वोच्च बलिदान 11 नवंबर 1675 ई. को दिल्ली के चांदनी चौक में हुआ था। 2019 में गणतंत्र दिवस की परेड में पंजाब की ओर से जलियांवाला बाग कांड की झांकी दिखाई गई थी।

निज धर्म के लिए मृत्यु भी स्वीकार है

औरंगजेब के शासनकाल की बात है, औरंगजेब के दरबार में एक पंडित आकर गीता का पाठ किया करता था और अर्थ भी बताता था। लेकिन वह कुछ इस लोगों को छोड़ देता था एक बार पंडित बीमार हुआ और उसका बेटा दरबार में गीता सुनाने गया। बेटे को नहीं पता था कि कौन से श्लोको को छोड़ना है उसने श्लोको का पाठ किया। इसके बाद औरंगजेब को समझ में आ गया कि प्रत्येक धर्म अपने आप में महान है लेकिन औरंगजेब को अपने धर्म के अलावा किसी भी धर्म की प्रशंसा सुनने की आदत नहीं थी इसीलिए उसने उस ब्राह्मण से कहा, “या तो इस्लाम कबूल कर ले या मरने के लिए तैयार हो जा!”

औरंगजेब का इस प्रकार का बर्ताव धीरे-धीरे पूरे देश में बढ़ने लगा था कश्मीर के पंडित इस बात से चिंतित होकर गुरु तेग बहादुर जी के पास गए और उनसे अपने बचाव का निवेदन किया। गुरु तेग बहादुर जी ने पंडितों से कहा था कि औरंगजेब से जाकर कह दो कि अगर गुरु तेग बहादुर जी इस्लाम कबूल करते हैं तो हम सब इस्लाम कुबूल कर लेंगे। औरंगजेब ने तरह-तरह की यातनाएं देकर यह चाहा कि किसी भी प्रकार गुरु तेग बहादुर इस्लाम कुबूल कर लें लेकिन गुरु साहब ने इंकार कर दिया। उन्होंने औरंगजेब से कहा- ‘यदि तुम ज़बरदस्ती लोगों से इस्लाम धर्म ग्रहण करवाओगे तो तुम सच्चे मुसलमान नहीं हो क्योंकि इस्लाम धर्म यह शिक्षा नहीं देता कि किसी पर जुल्म करके मुस्लिम बनाया जाए।’ इस बात पर औरंगजेब बहुत क्रोधित हुआ और उसने गुरु तेग बहादुर जी के शीश को काटने का फरमान जारी कर दिया। इस तरह गुरु तेग बहादुर जी का सर्वोच्च बलिदान दिल्ली की भूमि पर हुआ था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here