माता की भेंट गाने वाले प्रसिद्ध भजन सम्राट नरेंद्र चंचल का शुक्रवार को निधन हो गया है। सर्वप्रिय विहार स्थित घर में उन्होंने अंतिम सांस ली हरभजन सिंह, भारत के प्रधानमंत्री मोदी, दलेर मेहंदी जैसे प्रसिद्ध लोगों ने भी नरेंद्र चंचल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रसिद्ध भजन सम्राट नरेंद्र चंचल ने पिछले दशकों में कीर्तन और जग रातों में अपना जो नाम कमाया था। उसका रिकॉर्ड आज तक कोई नहीं तोड़ पाया है। इसके अलावा उन्होंने बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो गाना गाया था,जो आज भी बहुत सारे लोगों की जुबान पर रखा है।
चंचल का जन्म 16 अक्टूबर 1940 को पंजाबी परिवार में हुआ था। नरेंद्र चंचल अपनी मां के कारण संगीत के निकट आए और उन्होंने अपना पहला गुरु अपनी मां को ही माना। इसके बाद चंचल ने प्रेम सिखा से संगीत सीखा और फिर भी धीरे-धीरे भजन गाने लगे। नरेंद्र चंचल ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि एक वक्त माता के जागरण दरी पर होते थे आज एक इंडस्ट्री है। यकीनन इस इंडस्ट्री को बनाने में उनका थोड़ा बहुत योगदान रहा है। गुरबत के समय में उन्होंने कुछ दिन ड्राई क्लीनर की दुकान पर भी काम किया था, एक इंटरव्यू में वह बताते थे कि 10-15 दिन वहां काम किया,अच्छे कपड़े देखता रहता था कि किसी दिन मेरे पास भी ऐसे कपड़े होंगे। एक दौर ऐसा भी था जब मेरे पास ढंग की चप्पलें भी नहीं थी लेकिन माता की जागरण से सब कुछ बदल गया मैं सबसे ज्यादा व्यस्त रहने वाला गायक बना।