कृषि बिल कानून के खिलाफ पिछले 2 महीने से किसानों ने अपना आंदोलन दिल्ली से सटे हुए बॉर्डरो पर जारी रखा है, जबकि कोर्ट ने फिलहाल कृषि कानून पर अपनी रोक लगा दी है। वहीं अब इस आंदोलन में नया ट्विस्ट आ गया है। दरअसल किसानों ने अपने भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के प्रधान गुरनाम सिंह चढ़ूनी को सस्पेंड कर दिया है। दरअसल चढ़ूनी पर आरोप लगाया गया है कि वह विपक्ष से किसान आंदोलन को लेकर मदद मांग रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब गुरनाम सिंह चढ़ूनी को अपना पक्ष रखने का एक मौका दिया जाएगा, लेकिन फिलहाल उन्हें केंद्र से बात करने वाली कमेटी से निष्कासित कर दिया है। अब वह केंद्र से बात करने वाली किसी भी बैठक में शामिल नहीं हो सकते हैं। कुछ खबरों के अनुसार गुमनाम सिंह चढ़ूनी पर 10 करोड़ लेकर बीजेपी की सरकार गिराने का आरोप लगे हैं। हालांकि अपने बयान में चढ़ूनी ने कहा कि यह आंदोलन को गुमराह करने की साजिश है। इसके साथ ही उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा कि अगर विपक्ष उनका आंदोलन में साथ देगा तो यह पूरे किसान संगठनों के लिए फायदा है, लेकिन अभी इस मामले को पूरा गुमराह किया गया है।
हम आपको बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ जब से किसानों ने अपना आंदोलन शुरू किया है। वह अपने हर एक प्रेस वार्ता और इंटरव्यू में ये साफ बोलते हुए दिखाई दे रहे कि उनकी लड़ाई केंद्र के एक फैसले से है ना कि केंद्र से है। उन्होंने साफ कहा कि यह किसानों और केंद्र के बीच की बात है। उन्हें इसमें किसी भी विपक्ष दल का साथ नहीं चाहिए। वह अपना मामला खुद सुलझा सकते हैं, लेकिन गुरनाम सिंह चढ़ूनी के इस खबर के बाद उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा कि ”सयुंक्त किसान मोर्चा, चढूनी द्वारा बुलाई “समस्त राजनैतिक दलों की बैठक” से संबंध नहीं रखता है।