Bird Flu| देश में कोरोना वायरस की दहशत अभी खत्म नहीं हुई है और इसी बीच अब बर्ड फ्लू ने भी अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है। हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश और केरल समेत देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू बहुत तेजी से फैल रहा है। फिलहाल सरकार इसे फैलने से रोकने के लिए लोगों को अगाह कर रही है और मूर्गी, कौए और कबूतर जैसे पक्षियों से दूर बनाने की सलाह दे रही है। भारत में रोज़ाना बर्ड फ्लू के कारण सैकड़ों पक्षियों की मौत हो रही है। इसके अलावा जापान और कई यूरोपिय देशों में भी बर्ड फ्लू घातक साबित होता नज़र आ रहा है।
क्या होता है बर्ड फ्लू?
H5N1 वायरस या एवियन इन्फ्लुएंज़ा वायरस के संक्रमण को बर्ड फ्लू (Bird Flu) कहा जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है जो मूर्गी, कबूतर, बत्तख और मोर जैसे पक्षियों में तेजी से फैलती है। लेकिन यह बीमारी इतनी खतरनाक होती है कि इसे पक्षियों से इंसानों में फैलने में ज्यादा समय नहीं लगता। संक्रमित पक्षी के संपर्क आने पर यह बीमारी आसानी से इंसान के शरीर में प्रवेश कर सकती है। बर्ड फ्लू का वायरस पक्षी से पक्षी, पक्षी से इंसान और इंसान से इंसान को भी संक्रमित कर सकता है। यह वायरस भी कोरोना वायरस की तरह ही लोगों के साथ संपर्क में आने से फैलता है।
बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू (Bird Flu) से संक्रमित होने पर 48 घंटो के भीतर ही व्यक्ति के अंदर इसके लक्षण दिखाई देने लगते है। हम आपको बर्ड फ्लू के मुख्य लक्षण के बारे में बता रहे हैं-
- सिर में दर्द होना
- खाँसी होना
- झुकाम होना या लगातार नाक बहन
- पेट में दर्द होना (मुख्य तौर पर पेट के निचले हिस्से में)
- उल्टी आना
- मितली का महसूस होना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- दस्त होना
- मांसपेशियों में दर्द होना, आदि।
यदि आपको इस प्रकार के कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत ही चिकित्सक परामर्श अवश्य लें। अन्यथा यह वायरस आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है।
बर्ड फ्लू का इलाज
बर्ड फ्लू (Bird Flu) वैसे तो कई प्रकार के होते है, लेकिन H5N1 बर्ड फ्लू का पहला ऐसा वायरस था जो इंसानों को भी अपनी चपेट में लेने में सक्षम है। इंसानों में बर्ड फ्लू का पहला मामला 1997 में हॉंगकॉंग में देखा गया था। पिछले कुछ सालों में बर्ड फ्लू के इलाज के लिए कई प्रकार की दवाइयां बाज़ार में आ गई है।
आमतौर पर बर्ड फ्लू के इलाज के लिए ओसेल्टामिविर और जानामिविर का प्रयोग सबसे अधिक किया जाता है। इस वायरस से संक्रमित लोगों को एकांत में रहना चाहिए, जिससे अन्य व्यक्तियों में यह बीमारी ना फैल सकें। इसके अलावा बर्ड फ्लू (Bird Flu) से पीड़ित व्यक्ति को जल्द स्वस्थ्य होने के लिए अधिक आराम और हेल्दी डाइट की आवश्यता भी होती है।
बर्ड फ्लू से बचाव के उपाय
बर्ड फ्लू (Bird Flu) से बचाव करना बेहद ही आसान है। आप थोड़ी-सी सावधानी और ध्यान देने से आसानी से खुद को इस वायरस की चपेट में आने से बचा सकते है। बर्ड फ्लू के संक्रमण से बचने के लिए आपको बस इन बातों का ध्यान रखना होगा-
- पक्षियों से दूरी बनाए रखें।
- घर में फिलहाल पालतू पक्षी ना रखें।
- मरे हुए पक्षियों के पास ना जाएं, क्योंकि यह वायरस मृत पक्षियों के जरिए भी फैलता है।
- बर्ड फ्लू से बचने के लिए कुछ दिनों तक चिकन या अंडा खाने से बचने की कोशिश करें।
- यदि आप अंडा या चिकन खा रहे है तो उसे अच्छी तरह पकाकर ही खाएं।
- अंडा या मांस खुले बाज़ार से या फिर अधिक भीड़-भाड़ वाली जगह से ना खरीदें।
- जहाँ मूर्गी पालन आदि व्यवसाय चल रहे हो, उन जगह से ना गुज़रें।
- बाज़ार जाते समय मास्क अवश्य लगाएं।
- घर आने के बाद हाथों और कपड़ों को अच्छे से सैनिटाइज़ करना ना भूलें।