पीरियड्स (Menstrual Synchronicity) को लेकर आज भी हमारे देश में लोग खुलकर बात करने से कतराते हैं। इसे लेकर समाज में कई भ्रांतियां भी फैली हुई हैं। अक्सर पीरियड्स के दौरान महिलाओं को मंदिर और रसोईघर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता। उन्हें बिस्तर पर सोने से मना किया जाता है। और भी इस तरह के कई भ्रम समाज में फैले हुए हैं। इन्हीं सब बातों के बीच एक बात और देखने में आती है कि साथ में रहने वाली लड़कियों का पीरियड साइकल एक-दूसरे से मैच करने लगता है।
आमतौर पर आपने भी नोटिस किया होगा कि आपकी क्लासमेट, रूममेट या फिर ऑफिस की कलीग के साथ आपके पीरियड्स की टाइमिंग मैच करने लगी है।
अधिकतर महिलाएं इसे केवल एक इत्तेफाक मानती हैं। लेकिन ये इत्तेफाक नहीं बल्कि पीरियड्स(Menstrual Synchronicity) के दौरान निकलने वाले फेरोमोन्स की वजह से ऐसा होता है। यह एक प्रकार का बॉडी केमिकल होता है, जिसकी वजह से साथ में रहने वाली लड़कियों की मेन्स्ट्रुअल साइकल समान हो जाती है।
इस बात को लेकर कई सर्वे और रिसर्च भी हो चुके हैं। मार्था क्लिंटॉफ नाम की एक रिसर्चर ने 135 कॉलेज जाने वाली लड़कियों के पीरियड साइकल पर रिसर्च की। कुछ समय बाद उन्होंने पाया कि अधिकतर महिलाओं की पीरियड टाइमिंग मैच करने लगी है। इसे मैकक्लिंटॉफ इफेक्ट भी कहते हैं।