देश में एक तरफ किसान आंदोलन कर रहे हैं, दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने समझाने की कोशिश में है और वही बहुत सारे नेता इस पूरे घटनाक्रम में अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। इन्हीं नेताओं में शामिल है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आंदोलन करने वाले किसानों का समर्थन करते हुए कई ट्वीट किये ।जिसमें उन्होंने लिखा,”
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों,किसान सगंठनों,कृषि विशेषज्ञों से बिना चर्चा किये तीनों कृषि बिल बनाये। इन तीनों बिलों को संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किये बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास कराया। जबकि विपक्ष इन बिलों को सेलेक्ट कमेटी को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था।”
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक अन्य ट्वीट में लिखा “केंद्र सरकार ने इन बिलों पर किसी से कोई चर्चा नहीं की जिसके चलते आज पूरे देश के किसान सड़कों पर हैं। नये किसान कानूनों पर किसानों की बात रखने के लिये पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने महामहिम राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया।फिर हम सभी चारों कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने महामहिम राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा जिससे किसानों की बातें रख सकें लेकिन राष्ट्रपति महोदय की कोई मजबूरी रही होगी इस कारण हमें समय नहीं मिल सका।”
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि तत्काल केंद्र सरकार को यह तीनों अधिनियम वापस ले लेने चाहिए।उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, “किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी जिसके कारण आज किसान पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं। लोकतंत्र के अंदर संवाद सरकार के साथ इस प्रकार कायम रहते तो यह चक्का जाम के हालात नहीं बनते एवं आम जन को तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता।
केंद्र सरकार को अविलंब तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिये और अन्नदाता के साथ किये दुर्व्यवहार के लिये माफी मांगनी चाहिये।”
केंद्र सरकार को अविलंब तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिये और अन्नदाता के साथ किये दुर्व्यवहार के लिये माफी मांगनी चाहिये।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 4, 2020
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