कनाडा के प्रधानमंत्री के बयान से विदेश मंत्रालय हुआ नाराज, दोनों देशों के रिश्तों को हो सकता है गंभीर नुकसान

कुछ समय पहले के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत में हो रहे किसान आंदोलन पर एक बयान दिया था। इस बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि इस तरह के बयान यदि जारी रहे दोनों देशों के नेताओं को गंभीर नुकसान भुगतना पड़ सकता है।

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भारत में लगातार किसान आंदोलन जारी है कुछ समय पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने किसान आंदोलन पर एक बयान दिया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा है, “भारतीय किसानों को लेकर कनाडा के नेताओं द्वारा दिए जाने वाले बयान भारत के अंदरूनी मामलों में दखलंदाजी है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अगर इस तरह के बयान जारी रहे तो इससे दोनों देशों के रिश्ते को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा भारत ने कनाडा के हाई कमिश्नर को भी तलब किया है।”

किसानों के समर्थन में अब अवार्ड वापसी का सिलसिला भी शुरू हो गया है। लेखक डॉ मोहनजीत, चिंतक डॉ जसविंदर और पत्रकार स्वरा राजबीर ने अपने साहित्य अकादमी अवार्ड लौटा दिए हैं। गुरुवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी अपना पद्म विभूषण अवार्ड लौटा दिया। इसके अलावा राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा ने भी अपना पद विभूषण अवार्ड वापस करने का ऐलान कर दिया है। हम आपको बता दें किसान और केंद्र के बीच 1 दिन पहले गुरुवार को एक बैठक में यह साफ हो गया था कि आंदोलन अभी समाप्त नहीं होगा। क्रांतिकारी किसान यूनियन के लीडर दर्शन पाल ने कहा है कि केंद्र कानूनों में कुछ सुधार पर राजी हैं, पर हम नहीं। हमने उन्हें बता दिया है कि पूरे कानून में ही खामी है। हम कल होने वाली मीटिंग में पहले आज आपस में बातचीत करेंगे और अपनी रणनीति तैयार करेंगे संगठनों के बीच में लगातार बैठक हो रही है।

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