उमर खालिद और शरजील इमाम पर दिल्ली अदालत का बड़ा फैसला, बढ़ाई गई न्यायिक हिरासत की अवधि

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में एक अदालत ने सांप्रदायिक हिंसा के मामले में गैरकानूनी गतिविधि को रोकने के लिए, कानून के तहत गिरफ्तार किए गए जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और छात्र शरजील इमाम की न्यायिक हिरासत को शुक्रवार को तीन दिनों के बढ़ा दिया है।

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क्या गिरफ्तार किए गए पुर्व जेएनयू छात्र खालिद और इमाम को जेल में ही रहना होगा? न्यायाधीश अमिताभ रावत और अतिरिक्त सत्र, ने विशेष अभियोजक के अनुरोध के बाद पूर्व जेएनयू छात्र इमाम और खादिल दोनों की न्यायिक हिरासत 23 नवंबर तक बढ़ा दी है। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस से सुनवाई की, जिसके के दौरान उन्होंने पुलिस की तरफ से पेश किए गए विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने बोला- कि वह इस मामले में जांच पूरा करने के लिए जरूरी 90 दिनों की अवधि यानि 23 नवंबर को खत्म करेगे। और इसके बाद ही आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा। आपको बता दे कि दंगों की कथित साजिश रचने के मामले में इन पूर्व जेएनयू छात्र खालिद और इमाम को हिरासत में लिया गया था।

कब तक खालिद और इमाम की बढ़ेगी कस्टडी और अब होगी इनपर अहम सुनवाई?

न्यायाधीश ने प्रसाद से यह पूछने पर कि क्या पुलिस आरोपपत्र दाखिल करेगी, इस पर उन्होंने कोई खास तरीक का जिक्र नहीं किया लेकिन उन्होंने कहा कि वह 23 नवंबर को इस बारे में अदालत को अवश्य अवगत कराएंगे। आगे न्यायाधीश ने खालिद से यह प्रश्न किया कि उन्हें पहले की तरह तिहाड़ जेल में किसी प्रकार की दिक्कत तो नहीं हो रही है। न्यायधीश इस पर 23 नवंबर को सुनवाई करेंगे। खालिद ने अपनी सुनवाई को लेकर कहा – “मेरी आजादी पर रोक लगाने और दुर्भावनापूर्ण जांच के अलावा, मुझे और किसी चीज से दिक्कत नहीं है।” इससे पहले खालिद ने आरोप लगाया था कि उन्हें न्यायिक हिरासत के दौरान अपने सेल से बाहर निकलने औल किसी से मिलने नहीं दिया जाता था। और अब न्यायधीश ने इन सभी मामलों पर आगे 23 नवंबर को सुनवाई करेंगे।

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