उत्तर प्रदेश में लगातार विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। इसी बीच शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर गंगा एक्सप्रेस वे की तैयारी की समीक्षा करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा है कि इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बाद यह सिक्स लेन गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश को नई पहचान देगा। इसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है। ऐसी माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वाराणसी से प्रयागराज के बीच छह लेन एक्सप्रेस वे की सौगात मिलने जा रही है। यह एक्सप्रेस विकास के वाहक हैं इन एक्सप्रेसवेज के बन जाने के बाद उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी की सुविधा बेहतरीन हो जाएगी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि गंगा एक्सप्रेस वे से जुड़े सभी 12 जनपदों में औद्योगिक कलस्टर तैयार किए जाएं और उद्योगों के विकास और निवेश के लिए प्रदेश में अनुकूल माहौल तैयार किया जाए। एक्सप्रेस-वे के निर्माण के साथ-साथ कलस्टर के लिए भूमि की व्यवस्था भी की जाए।
हम आपको बता दे गंगा एक्सप्रेस वे एक भव्य एक्सप्रेसवे होगा जो मेरठ और प्रयागराज के बीच छह लेन और 594 किलोमीटर का होगा,जो वर्तमान में ग्राम बिजौली जिला मेरठ के पास से शुरू होकर प्रयागराज में में समाप्त होगा। यूपीडा के सीईओ ने बताया कि इस परियोजना की कुल संभावित लागत करीब 36410 करोड रुपए आंकी गई है जिसमें भूमि अधिग्रहण के लिए करीब 9225 करोड रुपए अनुमानित है,जबकि 22145 करोड़ सिविल निर्माण में खर्च होंगे। मार्ग में आने वाले सभी 12 जनपदों में ग्राम सभा के स्वामित्व वाली भूमि निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। इस बारे में राजस्व विभाग की सहमति ले ली गई है। उन्होंने यह भी बताया है कि वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए सभी प्रकार के विकल्पों पर ध्यान दिया जाएगा, विदेशी निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। बैंकों की ओर से भी सत्य प्रस्ताव मिल रहे हैं इस बारे में बहुत जल्द निर्णय ले लिया जाएगा।