जानिए माइक्रोवेव वेपंस के बारे में, कई देशों में चल रहा है इनका विकास कार्य

क्या आप माइक्रोवेव वेपन के बारे में जानते हैं? रूस चीन भारत और ब्रिटेन जैसे कई देश इन हथियारों को विकसित करने में लगे हुए हैं। इस हथियार में किसी भी हवाई हमले को नाकाम करने की तकनीक को विकसित किया जाता है।

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चित्र साभार: जागरण

दुनिया भर में ऐसे बहुत सारे घातक हथियार हैं जिससे दुनिया को बहुत जल्दी खत्म किया जा सकता है। विज्ञान ने लोगों के जीवन में परिवर्तन किया और विज्ञान ने ही लोगों के जीवन को घातक बनाने में भी अपनी पूरी भूमिका अदा की। दुनिया ने परमाणु ऊर्जा से बिजली बनाने का प्रयास किया, लेकिन दुनिया ने उसी परमाणु ऊर्जा का प्रयोग करके हिरोशिमा और नागासाकी जैसे नगरों को समाप्त कर दिया। इस समय दुनिया भर के कई देशों में माइक्रोवेव हत्यारों की चर्चा है अभी हाल ही में चीन की सेना द्वारा माइक्रोवेव पंथ के इस्तेमाल की बात सामने आई है।

अमेरिकी मीडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार चीन के प्रोफ़ेसर ने दावा किया है कि 29 अगस्त को चीन की सेना ने ऊंची चोटियों से भारतीय जवानों से वापस लाने के लिए माइक्रोवेव वेपन का इस्तेमाल किया था। इस वेपन के प्रयोग से भारत के सैनिकों को समस्या होने लगी और वह चोटियों से चले गए। जिसके बाद चीनी सैनिकों ने उन पर कब्जा जमा लिया हालांकि भारत में इस तरह के सभी दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा गया है कि चीन गलत तथ्य प्रसारित कर रहा है।

लेकिन अब सबसे प्रमुख बात यह है कि यह माइक्रोवेव वेपंस कैसे होते हैं और इनका दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

हम आपको बता दें माइक्रोवेव वेपन को डायरेक्ट एनर्जी वेपंस भी कहा जाता है। इसके दायरे में लेजर और माइक्रोवेव वेपन दोनों ही आते हैं। इस तरह के हथियार दुनिया के लिए बहुत घातक होते हैं यह बताया जाता है कि इस तरह के वेपंस का यदि किसी व्यक्ति के ऊपर प्रयोग किया जाए तो यह हथियार शरीर के ऊपर किसी भी प्रकार की बाहरी चोट के निशान नहीं छोड़ते परन्तु शरीर के अंदरूनी हिस्सों को नुकसान पहुंचा देते हैं।

यह बताया जाता है कि इस हमले की सबसे प्रमुख बात यह होती है कि यह हमले जमीन से हवा में, हवा से जमीन में या जमीन से जमीन पर किए जाते हैं। इस तरह के हमले में एक high-energy रेज़ को छोड़ा जाता है और यह किरण इंसान के शरीर में घुसकर उसके शरीर को नुकसान पहुंचाती है।

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