मध्य प्रदेश के कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर बुलडोजर चल चुका है। उन पर ही आरोप था कि उन्होंने 45 एकड़ गौशाला की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया था। वहीं दूसरी तरफ संत समाज ने भी कंप्यूटर बाबा का विरोध कर दिया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने इसके लिए शिवराज सरकार को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर बाबा का नाम ही अजीब है, अवैध कब्जा कर आलीशान अपने लिए सुविधाजनक भवन बनाया। यह कार्य निंदनीय है कोई भी संत इस कार्य का समर्थन नहीं करेगा। इसके साथ ही इस तरह की जहां भी अतिक्रमण है उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए। जहां गौ चलना चाहिए वहां आप आश्रम बनाए हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने उस अवैध कब्जे को हटाकर उचित कार्य किया है। क्योंकि आश्रम के नाम पर अवैध हथियार रख रहे हैं तमाम ऐसी चीजें पाई गई, जो संतों के आचरण के विपरीत हैं। संत के लिए प्रेरणादायक बनता है लेकिन कंप्यूटर बाबा के द्वारा किए गए हैं
कभी अपने कार्य के लिए इधर कभी उधर। यह संतों का आचरण नहीं है। उनके इन्हीं तथ्यों को देखते हुए एक बार दिगंबर अखाड़ा ने उन्हें अखाड़े से हटा दिया था लेकिन माफी मांगने पर उन्हें वापस ले लिया था। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी उन्हें बाहर किए जाने का समर्थन किया था। उनका आत्मा संतों की विपरीत है, अंत में यही कहूंगा जैसी करनी वैसी भरनी !..मध्य प्रदेश का प्रशासन कंप्यूटर बाबा के अनेक बैंक अकाउंट की जांच करने में जुटा हुआ है। प्रशासन को यह शिकायत मिली है कि इन खातों में असामान्य रूप से राशियां जमा की गई हैं। इनकी जांच भी की जा रही है जांच के उपरांत आयकर विभाग को भी इसमें शामिल किया जाएगा। प्रशासन द्वारा अवैध रूप से विभिन्न स्थानों पर कब्जा की गई जमीन की जांच आरंभ कर दी गई है।