बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत तथा उनकी बहन रंगोली की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। मुंबई पुलिस ने अभिनेत्री कंगना तथा उनकी बहन रंगोली को समन भेज पूछताछ के लिए बुलाया है। दोनों के खिलाफ अदालत के आदेश पर 17 अक्टूबर को बांद्रा पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज किया गया था। कंगना को पूछताछ के लिए 26 अक्टूबर और उनकी बहन को 27 अक्टूबर को बुलाया गया है। कंगना रनौत और उनकी बहन इस समय अपने भाई की शादी में बिजी हैं तथा फिलहाल हिमाचल में है। अगर उनके खिलाफ कुछ पक्के सबूत मिलते हैं तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। कंगना रनौत पर हिंदू मुस्लिम के नाम पर फ़ूट डालने के आरोप लगे हैं। पिछले सप्ताह कंगना के खिलाफ कर्नाटक में भी FIR हुई थी उन पर किसानों का अपमान करने के लिए लोगों ने मुकदमा दर्ज कराया।
याचिकाकर्ता वकील साहिल अशरफ अली सैयद ने बांद्रा कोर्ट में अर्जी देकर कहा, ” कंगना पिछले कुछ महीनों से लगातार बॉलीवुड को नेपोटिज्म और फेवरेटिज्म का हब बता कर इसका अपमान कर रही हैं। अपने ऑफिशियल टि्वटर हैंडल से ट्वीट कर और टीवी इंटरव्यू के जरिए में हिंदू तथा मुस्लिम कलाकारों के बीच फूट डाल रही हैं। उन्होंने बहुत ही आपत्तिजनक ट्वीट किए हैं। जो न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को बल्कि इंडस्ट्री के कई कलीग्स की भावनाओं को भी आहत करते हैं।”
बांद्रा के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जयदेव ने कंगना के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 153 के तहत केस दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। जिस पर एक्शन लेते हुए कंगना और उनकी बहन के खिलाफ निम्नलिखित धाराओं में केस दर्ज हुआ:
- धारा 153A – आईपीसी की धारा के अनुसार जो धर्म, भाषा, नस्ल के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं उन्हें इसके तहत 3 साल की कैद या जुर्माना दोनों हो सकते हैं।
- धारा 295A – यदि कोई व्यक्ति भारत के नागरिकों की किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए व्यवस्थित और विद्वेष की भावना से उस वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करता है।
- धारा 124A – यदि कोई भी व्यक्ति भारत सरकार के विरोध में सार्वजनिक रूप से ऐसी किसी गतिविधि को अंजाम देता है जिससे देश के सामने सुरक्षा का संकट पैदा हो जाता है तो उसे उम्र कैद तक की सजा सुनाई जाती है।
- धारा 34 – भारतीय दंड संहिता की धारा के अनुसार एक आपराधिक कृत्य सभी व्यक्तियों के सामान्य इरादे से किया हो तो प्रत्येक व्यक्ति ऐसे कार्य के लिए जिम्मेदार होता है जैसे कि वह अपराध की अकेले द्वारा ही किया गया हो।