राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण पर बड़ा बयान दिया है। आरक्षण का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा, ” देश को आगे ले जाने के लिए समाज में व्याप्त विषमता मिटा नहीं होगी। इसके लिए समता के समर्थक लोगों के साथ चलते हुए मन के भाव में बदलाव लाने का प्रयास करना होगा। कानून तो कितने बने? लेकिन आचरण में जब तक नहीं उतरेगा तब तक उसका लाभ लोगों को नहीं मिल पाएगा। आरक्षण के लिए कानून तो बने हैं लेकिन उसका लाभ सबको नहीं मिल पा रहा है। जिनका जहां प्रभुत्व है वह इसका लाभ ले रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसको सच माना है। वैसे समाज में जब तक जरूरत है आरक्षण लागू रहना चाहिए इसका मेरा पूरी तरह से समर्थन है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा समरसता के बिना समता संभव नहीं है। इसके लिए हमें तैयार रहना होगा झुकना पड़े तो पीछे नहीं हटूंगा। उन्होंने कहा जो ऊपर हैं उन्हें झुकना पड़ेगा और जो नीचे हैं, उन्हें हाथ बढ़ाना पड़ेगा तभी समाज का उत्थान होगा। समाज में समरसता लाने के लिए अपने आचरण का उदाहरण लोगों के सामने पेश करना होगा। पहले करके दिखाना होगा फिर दूसरे को बताना। संघ के स्वयंसेवक कर रहे हैं सामाजिक समरसता मंच के लोगों को भी करना चाहिए। हमें मिलकर पर्व, त्यौहार, उत्सव मनाना चाहिए। अपनी भाषा को ठीक करना चाहिए। न्याय के पक्ष में उठने वाली आवाज के साथ खड़ा होना चाहिए। सारा समाज अपना है इस भाव को लेकर काम करना है। संविधान की प्रस्तावना सब के आचरण में आए इसके लिए वाणी का दिया जला कर समरसता को लोगों के हृदय में उतारना है। बाबा साहब को यह बता देना होगा कि वह दिन नहीं आएगा कि फिर से हमारी स्वतंत्रता चली जाएगी।