बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब प्रतिदिन बिहार विधानसभा चुनाव का मैदान राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों चालबाजी से पट चुका है। प्रतिदिन कोई न कोई राजनेता अपनी पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी को ज्वाइन कर कर रहा है जिससे उसे टिकट मिल सकता है। वहीं लालू प्रसाद यादव को भी जेल से जमानत नहीं मिल सकी है, बिहार के दो कद्दावर नेताओं का निधन हो चुका है जिसमें रामविलास पासवान और रघुवंश प्रसाद सिंह शामिल हैं। इसके अलावा राज नेता शरद यादव भी इस मैदान में सक्रिय दिखाई नहीं दे रहे हैं। चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी ने इस बार यह निर्णय लिया है कि वह एनडीए से अलग चुनावी मैदान में उतरेगी। वही अब प्रतिदिन लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के लिए नई समस्याएं खड़ी हो रही है। तेजप्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय पहले ही कह चुके हैं कि वे तेज प्रताप यादव के राजनीतिक कैरियर को समाप्त करके ही दम लेंगे तो वही उनकी पत्नी भी अब उनके सामने चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हो चुकी है।
यह बताया जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव से अपने अपमान का बदला लेने के लिए ऐश्वर्या अब लालू प्रसाद यादव के बेटों के खिलाफ चुनाव प्रचार भी कर सकती हैं। चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय के साथ तेज प्रताप यादव की शादी 12 मई 2018 को हुई थी और 6 महीने के बाद ही तलाक का मुकदमा दायर कर दिया गया। इसके बाद दोनों परिवारों के बीच के रिश्ते लगातार बिगड़ते रहे। यह रिश्ते इतने ज्यादा बिगड़ गए कि अब यह राजनीतिक रंग ले चुके हैं। यदि तेज प्रताप की पत्नी ऐश्वर्या चुनावी मैदान में उतरकर पार्टी के खिलाफ प्रचार करेंगी तो ऐसे में आरजेडी को उनकी साली यानी कि डॉक्टर करिश्मा राय को तेज प्रताप यादव और आरजेडी के समर्थन में चुनावी मैदान में उतारना पड़ेगा।
कुछ समय पहले करिश्मा राय ने कहा था कि यदि पार्टी चाहती है तो वह अपने चाचा चंद्रिका राय के खिलाफ भी चुनाव लड़ने को तैयार है। लेकिन यह बात तो तय हो चुकी है कि बिहार विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव के पारिवारिक संबंधों का मुद्दा जोर-शोर से उठाएगा जिसका पहला इशारा ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पहली वर्चुअल रैली के माध्यम से दे दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था, ” लोग पढ़े-लिखे के बारे में बात करते हैं, लेकिन पढ़ी लिखी बहू ऐश्वर्या के साथ कैसा व्यवहार हुआ? ”
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