हाथरस में हुए गैंगरेप का मामला अब प्रतिदिन राजनीति में उलझता जा रहा है। लगातार भीम आर्मी, कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी जैसे दल घटना को राजनीतिक रंग देने की कोशिश में है। लगातार इस घटना को कुछ मीडिया चैनल्स में जातियों में बांटने के लिए कोशिश की है। वही अब इस मामले में सीबीआई जांच को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। पीड़िता के भाई का कहना है हम शुरू से ही न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं। सीबीआई जांच उनकी प्राथमिकता में नहीं है। उनका कहना है कि s.i.t. पर उन्हें भरोसा नहीं है और पुलिस से विश्वास उठ गया है, जबकि आरोपी पक्ष खुद को निर्दोष बताकर सीबीआई जांच पर नार्कोटेस्ट की मांग कर रहा है। पीड़ित पक्ष नार्कोटेस्ट कराने से इंकार कर रहा है, मां का तो यहां तक कहना है कि नार्कोटेस्ट क्या होता है हम जानते ही नहीं, भाई ने कहा कि जब हम सच बोल रहे हैं तो फिर हमारा नार्कोटेस्ट क्यों हो?
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती का कहना है कि हाथरस गैंग रेप कांड में पीड़ित परिवार ने जिले के डीएम पर धमकाने आदि के गंभीर आरोप लगाए हैं। फिर भी यूपी सरकार की रहस्यमई चुप्पी दुखद और अति चिंताजनक है हालांकि सरकार सीबीआई जांच हेतु राजी हुई है। लेकिन उस डीएम के वहां रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती?
इस पूरे मामले पर राजा भैया का यह भी कहना है कि हम सभी सहमत हैं कि हाथरस कांड में स्थानीय प्रशासन ने असंवेदनशीलता बरती है। किंतु आश्चर्य की बात यह है कि सीबीआई जांच के निर्णय से कई लोगों के पेट में दर्द शुरू हो चुका है। समय के साथ सच्चाई सामने आएगी।
सपा मुखिया अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि हाथरस कांड में मृतका के परिजन का नहीं बल्कि उन अधिकारियों का नार्कोटेस्ट होना चाहिए जिन्होंने इस कांड को अंजाम दिया है जिससे यह सच उजागर हो कि उन्होंने किसके “महादेश” पर ऐसा किया? वहीं दूसरी तरफ हाथरस गैंगरेप पीड़िता मामले में जेल गए चारों आरोपियों के माता-पिता ने योगी सरकार से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है उन्होंने कहा है कि अगर हमारे बेटे दोषी हैं तो सरेआम गोली मार दी जाए।
एक आरोपी रामू के पिता का कहना है कि उनका बेटा निर्दोष है FIR होने के 2 दिन बाद उन्हें और उनके बेटे को पुलिस थाने ले गई 20 सितंबर को दोनों को छोड़ दिया गया। मेरे बेटे के खिलाफ थाने में कोई केस दर्ज नहीं है। घटना वाले दिन मेरा बेटा ड्यूटी पर था। निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
वही दूसरे आरोपी रवि के पिता का कहना है कि पुरानी रंजिश के कारण हमें फंसाया जा रहा है। बेटे का कोई लेना देना नहीं है। मृतका के बाबा से साल 2001 में विवाद हुआ था उसमें रवि जेल गया था। जेल गए लव-कुश की मां का कहना है कि मैं अपने बेटे लव कुश के साथ शोर सुनने पर मौके पर पहुंची थी। मेरे बेटे ने पीड़िता को पानी लाकर पिलाया और उसके बाद मेरे बेटे को जेल भिजवा दिया गया मुख्य आरोपी संदीप के पिता का कहना है कि हादसे के वक्त संदीप मेरे साथ गाय को पानी पिला रहा था। पहले मेरे बेटे के खिलाफ जानलेवा हमले की F.I.R. लिखाई गई और बाद में तीन अन्य लोगों के नाम जोड़े गए।
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