केंद्र सरकार के नेतृत्व में लगातार भारत में कई परिवर्तन हो रहें हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान भारत में सड़कों का काम नहीं रुका था, प्रतिदिन भारत के किसी ना किसी क्षेत्र में कोई ना कोई सड़क का निर्माण होता रहता है। भारत के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में जिस प्रकार यातायात को सुविधाजनक बनाया जा रहा है और लगातार भारत में सड़कों का निर्माण हो रहा है उसकी तारीफ पूरे देश में होती है। इसी बीच केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि अगले 5 सालों में केंद्र सरकार के नेतृत्व में 60000 किलोमीटर की सड़क बनाई जाएगी। इसमें 22 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, छह इकोनोमिक कॉरिडोर, सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण 2000 किलोमीटर बार्डर रोड कनेक्टिविटी आदि शामिल है।
सड़क परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल से नवंबर तक 6764 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया। आने वाले 5 सालों में 60000 किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग निर्मित किया जाएगा। जिसमें सबसे पहले 9000 किलोमीटर इकोनामिक कॉरिडोर बनाए जाएंगे।इन कॉरिडोर में प्रमुख रूप से दिल्ली-लखनऊ, दिल्ली-देहरादून, आगरा-जयपुर, दिल्ली-बिलासपुर, दिल्ली-कानपुर, लखनऊ-सागर, संभलपुर-रांची, सागर-वाराणसी, रायपुर-धनबाद आदि शामिल हैं।
जानकारों के अनुसार इन कोरिडोर के बनने से भारत को बड़ा लाभ होगा। उद्योग बंधु के लिए बेहतर कनेक्टिविटी का साधन यह कॉरिडोर बनेंगे।इसके अलावा चीन, पाकिस्तान, बंग्लादेश बार्डर तक रोड़ कनेक्टिविटी सुदृढ़ करने के लिए सरकार पांच साल में 2000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाएगी।