कोरोना संक्रमण की इस दूसरी लहर ने जिस तरह भारत के आम जनमानस को प्रभावित किया है वह आप सभी के सामने हैं।पिछली लहर की अपेक्षा इस बार सरकार की ओर से बहुत ज्यादा सख़्ती नहीं की गई थी लेकिन उसके बावजूद लोग आत्मसंयम रखकर अपने घरों में बंद हो गए हैं। लेकिन इस आत्म संयम के बावजूद प्रकृति अपना प्रकोप चारों ओर बरसा रही है। कोरोना संक्रमण की लहर के कारण भारत का ऐसा कोई हिस्सा नहीं है जिसमें लोगों की मृत्यु ना हुई हो। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक सबसे ज्यादा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डॉक्टरों की इस महामारी से जान गई है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने IMA के हवाले से एक डेटा जारी किया है। इन आंकड़ों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि पूरे देश में लगभग 400 से ज्यादा डॉक्टर्स इस संक्रमण के कारण मारे गए हैं और देश की राजधानी दिल्ली में 100 चिकित्सकों की मौत भी इसी संक्रमण से हुई है। इतनी संख्या में डॉक्टरों की मौत भारत के लिए एक चिंता का विषय बन चुकी है। हाल ही में जो आंकड़े जारी किए गए हैं उसमें यह बताया गया है कि इस समय सर्वाधिक डॉक्टर्स की मृत्यु बिहार में हो रही है। बिहार पहले से ही बुरी स्वास्थ्य व्यवस्था के दौर से गुजर रहा है ऐसे में यदि डॉक्टर्स की कमी हो गई तो आम जनता को सुरक्षित कर पाना मुश्किल हो जाएगा। संक्रमण की पहली लहर में बहुत कम ही डॉक्टर इस संक्रमण की चपेट में आए थे। लेकिन इस बार यह बढ़ता हुआ आंकड़ा कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई को कमजोर कर रहा है।