2021 का वर्ष भारत की राजनीति के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इसी साल भारत के पांच प्रमुख राज्य तमिलनाडु,असम,पुंडुचेरी,पश्चिमबंगाल और केरल में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसीलिए इन विधानसभा चुनावों को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए भारत सरकार की ओर से इन सभी प्रदेशों में लगभग ढाई सौ केंद्रीय बल की कंपनियां भेजी जा रही है। जिसमें केंद्र सरकार के आदेश पर तमिलनाडु में 45, असम में 40, पुंडुचेरी में 10,पश्चिम बंगाल में 125 और केरल में 30 कंपनियां तैनात की जा रहीं हैं। सूत्रों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि केंद्रीय सुरक्षा बलों की कम से कम 125 कंपनियां पश्चिम बंगाल में 25 फरवरी तक पहुंच जाएंगी वहीं दूसरे राज्यों में भी इसी तरह से कंपनियों को पहुंचाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में अब तक केंद्रीय सुरक्षा बल की 20 कंपनियां तैनात हो चुकी हैं। क्योंकि पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था पर हमेशा ही सवाल खड़ा होता रहा है।
बताया जा रहा है कि केंद्रीय सुरक्षा बल लोगों के बीच विश्वास पैदा करने के लिए उनके आगमन के तुरंत बाद विभिन्न क्षेत्रों में रूट मार्च शुरू करना चाहते है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी बीएसएफ और सीआरपीएफ सहित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की कुल 125 कंपनियों को पश्चिम बंगाल में भेजा जा रहा है। कई बार पश्चिम बंगाल की सरकार की ओर से भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में केंद्रीय सुरक्षा बल के सैनिकों को भी भारत सरकार का प्रहरी बताया है हालांकि लगातार यह देखा जाता है कि पश्चिम बंगाल में जब भी कोई चुनाव होते हैं तो वहां की सत्ताधारी पार्टी अपने कुछ लोगों के द्वारा प्रदेश में अलगाव और भय की स्थिति पैदा करती है। इसी स्थिति से वहां की जनता को उभारने के लिए सरकार ने केंद्रीय सुरक्षा बल की कंपनियों को पश्चिम बंगाल में तैनात किया है।