आगामी चुनाव आयोग के चलते पश्चिम बंगाल में प्रचार करते समय भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर पथराव का मामला सामने आया। कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा नेताओं ने बंगाल के मुख्य चुनाव आयुक्त से इस बारे में मुलाकात कर स्थित ख़राब बताते हुए आचार संहिता लागू की मांग की।
आपको बता दे की अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा का चुनाव शुरू होने वाला है। चुनाव आयोग के शुरू होने की वज़ह से राज्य में सियासी पारा भी सातवें आसमान पर चढ़ा हुआ है। ऐसे समय में हाल ही में पश्चिम बंगाल में प्रचार करते समय भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर पथराव का भी मामला सामने आया। तो सियासी मुद्दे का दाव खेलते हुए बंगाल में कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने आज मुख्य चुनाव आयुक्त से इस बारे में मुलाकात कर वार्तालाप की। इस प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के हालातों को जम्मू और कश्मीर से भी बदतर बताया और राज्य में जल्द से जल्द आचार संहिता लागू करने की मांग तक कर डाली।
आपको बता दे कि भाजपा प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने किया,जिसमें पश्चिम बंगाल के भाजपा सचिव सब्यसाची दत्ता और भाजपा चुनाव समिति के संयोजक शिशिर बाजोरिया शामिल थे। तीनों नेताओं ने पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त से वार्तालाप की।
वार्तालाप के बाद स्वपन दासगुप्ता ने कहा, हमने चुनाव आयोग से कहा है कि पश्चिम बंगाल में असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए, आदर्श आचार संहिता जल्द से जल्द लागू करनी चाहिए। भाजपा सचिव सब्यसाची दत्ता ने कहा, राज्य में हालात कश्मीर से भी ख़राब हो गए है।
भाजपा ने चुनाव आयुक्त से वार्तालाप के दौरान राज्य में हो रही हिंसा और कानून व्यवस्था को लेकर दो पेज का ज्ञापन भी सौंपा दिया। इसमें नड्डा के काफिले पर हुए हमले को निंदनीय बताते हुए कहा गया कि राज्य में पुलिस टीएमसी कार्यकर्ता की तरह काम कर रही है।
पश्चिम बंगाल की सुरक्षा के लिए राज्य में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाए। सरकारी कर्मचारियों द्वारा टीएमसी को समर्थन दिया जा रहा है, ऐसे में राज्य में निष्पक्ष चुनाव करवाना चुनौतीपूर्ण होगा। इसलिए जल्द से जल्द आचार संहिता को लागू किया जाए। वहीं, भाजपा की शिकायत को लेकर चुनाव आयोग सख़्ती से पेश आ रहा है और 17 दिसंबर को चुनाव आयोग के उपायुक्त सुदीप जैन बंगाल के दौरे पर जाएंगे और स्थिति का जांच करेंगे। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी राज्य सरकार द्वारा ऐसी स्थिति में बंगाल की क्या छवि दिखाई जाती है।