बिहार से राज्यसभा के लिए नामित हुए सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर

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गौरतलब है कि अप्रैल माह में होने वाले राज्यसभा के चुनाव में बिहार से 5 सीटें खाली होने वाली हैं। जिसके लिए सभी पार्टियां अपना दम-ख़म दिखाना चाहती हैं और इसके लिए अपनी जोर आजमाइश प्रारंभ कर दी है। विधानसभा में संख्या के हिसाब से देखें तो जदयू अपनी 3 सीटों में सिर्फ 2 सीटें ही हासिल कर सकती है तो वहीं बीजेपी को 2 सीटों में एक ही सीट मिल सकती है। बिहार में कुछ माह बाद विधानसभा चुनाव भी होना है लिहाजा राज्यसभा उम्मीदवार के माध्यम से पार्टियां अपने वोट बैंक पर भी अपनी मजबूत पकड़ बनाना चाहती हैं। लिहाजा पार्टियां इसे बिहार विधानसभा चुनाव के फाइनल मैच से पहले होने वाले सेमी फाइनल की तरह ले रही है।

जदयू ने एक बार फिर अपने पुराने उम्मीदवार रामनाथ ठाकुर जो पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं, पर विश्वास जताया है। श्री ठाकुर अति पिछड़े वर्ग से आते हैं जबकि दूसरी सीट के लिए जदयू ने बलिया उत्तर प्रदेश से आने वाले हरिवंश को दुबारा राज्यसभा भेजेगी। वहीं बीजेपी अपने उम्मीदवार विवेक ठाकुर के माध्यम से सवर्ण जातियों को गोलबंद करना चाहती है। कभी ब्रह्मपुर से बिहार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा चुके विवेक ठाकुर को उस समय करारी हार मिली थी लेकिन बिहार बीजेपी के कद्दावर नेता डॉ सीपी ठाकुर की वजह से उन्हें बिहार विधान परिषद भेजा गया था। इस बार भी सीपी ठाकुर अपने रसूख और पहुंच की बदौलत अपने खाली स्थान पर अपने पुत्र विवेक ठाकुर को ही राज्यसभा भेजने के लिए बीजेपी को इसके लिए तैयार कर चुके हैं। यद्यपि विपक्ष इसे वंशवाद से भी जोड़कर देख रही है। विवेक ठाकुर 13 मार्च को राज्यसभा सीट के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे।

सबसे ज्यादा पेंच तो महागठबंधन पार्टी के लिए है। इस बार विधानसभा सीट के लिहाज से महागठबंधन को 2 सीट ही हाथ लगेंगी लेकिन ‘एक अनार सौ बीमार’ के तर्ज पर कांग्रेस और राजद के कई कद्दावर नेता इसके लिए रेस में बने हुए हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि दोनों सीट राजद अपने लिए चाहती है वहीं कांग्रेस राजद को गठबंधन धर्म का हवाला देकर एक सीट अपने लिए चाहती है, जो फिलहाल राजद को मंजूर नहीं है। आपसी खींचतान से अभी मामला सुलझता हुआ नजर नहीं आ रहा है। हो सकता है इसका फैसला चारा घोटाले में रांची जेल में बंद राजद सुप्रीमो लालू यादव की अदालत से ही हो। अभी राज्यसभा चुनाव को लेकर चुनावी उठापटक जारी है और ऊंट किस करवट बैठेगी ये देखना काफ़ी दिलचस्प होगा।

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