भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि भाजपा नेतृत्व ने विचार-विमर्श के बाद सामूहिक निर्णय लिया है कि अब राज्य में किसी और को मौका मिलना चाहिए। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने संघर्ष को दोहराते हुए कहा,”भाजपा ने उन जैसे छोटे से गांव पर साधारण परिवार में जन्म लेने वाले व्यक्ति को 4 साल तक उत्तराखंड की सेवा करने का मौका दिया था इसकी कल्पना उन्होंने स्वयं भी नहीं की थी।”
अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा,”उनकी सरकार ने राज्य में स्वरोजगार, महिला उत्थान, बच्चों की शिक्षा और किसानों के लिए नए कार्यक्रम समेत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। यदि पार्टी 4 साल मौका नहीं देती तो वह इन योजनाओं को नहीं ला सकते थे। महिलाओं को पैतृक संपत्ति में सहखातेदार, मुख्यमंत्री घस्यारी योजना जैसी संवेदनशील योजनाएं भी हमारी सरकार के दौरान लाई गई,अब जिसे भी कोई दायित्व मिलेगा वह इस का निर्वहन करेगा।” पार्टी पर सवाल पूछने के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तर में कहा भाजपा में जो भी फैसले होते हैं वे सामूहिक रूप से होते हैं…उन्होंने यह भी बताया कि बुधवार को सुबह 10:00 बजे भाजपा विधानमंडल दल की बैठक बुलाई गई है। मुख्यमंत्री पद से हटाने के कारणों से संबंधित प्रश्न को टालते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा इसका जवाब देने के लिए आपको दिल्ली जाना होगा। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, राज्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत मौजूद रहे।