लगातार भारत सरकार पर एक के बाद एक समस्या आती जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार किसानों की दशा सुधारने के लिए तीन अधिनियम को लोकसभा में लेकर आई, लेकिन कुछ दलों ने इसका विरोध किया और मोदी सरकार की केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस बिल के विरोध में इस्तीफा भी दे दिया। कृषि बिल को लेकर मोदी सरकार को अब तक यह सबसे बड़ा झटका लगा है। अपना इस्तीफा देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, “मैंने किसानों के खिलाफ लाए जा रहे बिल को लेकर केंद्रीय कैबिनेट के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। मुझे गर्व है कि मैं अपने किसान भाइयों और बहनों के साथ हूं। ”
I have resigned from Union Cabinet in protest against anti-farmer ordinances and legislation. Proud to stand with farmers as their daughter & sister.
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) September 17, 2020
हालांकि यह बात और है कि अकाली दल सरकार के साथ गठबंधन में शामिल है इसके बावजूद भी उनकी पार्टी की नेता ने अपनी ही सरकार के खिलाफ जाकर अपने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल का कहना है कि किसानों को लेकर जो भी बिल सदन में प्रस्तावित किए गए हैं वह 50 साल की पूरी मेहनत को खत्म कर देंगे जो राज्य सरकार ने पंजाब में कृषि सेक्टर को मजबूत करने में लगाए हैं। इससे पहले भी बादल ने चर्चा के दौरान सदन में यह कहा था कि बिल को लेकर पंजाब के किसानों और व्यापारियों में भारी असंतोष है। सरकार को इस विधेयक को वापस लेना चाहिए। अकाली दल ने इसे लेकर अपने सांसदों को व्हिप जारी किया था और मानसून सत्र में इसके खिलाफ वोट देने का निर्देश भी दिया था।
Image Source: Tweeted by @HarsimratBadal_