परमवीर सिंह ने जब महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने सचिन से 100 करोड रुपए की उगाही के बारे में कहा था। तभी से महाराष्ट्र में एक अलग राजनीतिक माहौल बन चुका है। महा विकास आघाडी सरकार में प्रमुख दल शिवसेना ने भी अपने मुख्य पत्र सामना में अनिल देशमुख की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। वहीं दूसरी तरफ शरद पवार की पार्टी के लोगों का साफ कहना है कि इसके लिए अनिल देशमुख को इस्तीफा देने की आवश्यकता नहीं होगी। इस पूरे मामले के बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा है, ” जो फैसला दिल्ली से होगा वह फैसला मान्य होगा। ” हालांकि चंद्रकांत के इस बयान पर शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के लोग प्रदेश में भ्रम फैला रहे हैं।
दूसरी तरफ शरद पवार दादा गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात ने भी प्रदेश के नेताओं की बेचैनी को बढ़ा दिया है।
शरद पवार की अमित शाह से गुप्त मुलाकात को लेकर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने पूछा,”अगर गृह मंत्री किसी बड़े नेता से मिलते हैं, तो देश को जानने का हक है कि बड़े नेताओं के बीच क्या बात हुई?” एनसीपी नेता नवाब मलिक ने गुप्त मुलाकात की कथित खबर को लेकर कहा, “गुजरात के एक न्यूज पेपर में खबर छपी है कि शरद पवार साहब और प्रफुल्ल पटेल ने अमित शाह से मुलाकात की। पिछले दो दिनों से ट्विटर पर ऐसी अफवाहें उड़ रही हैं, ऐसी कोई भी मुलाकात दोनों के बीच नहीं हुई है।”
महाराष्ट्र में कैसे बन सकती है भाजपा की सरकार?
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 145 है। वर्तमान में महाराष्ट्र का सबसे बड़ा दल है भारतीय जनता पार्टी जिसके पास 105 सीटें हैं वहीं दूसरी तरफ एनसीपी के पास 54 सीटें हैं। एनसीपी की 54 शिवसेना की 56 और कांग्रेस की 44 सीटें मिलाकर वर्तमान में महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी की सरकार है। इससे यह बात बिल्कुल साफ होती है कि यदि एनसीपी की 54 सीट है भारतीय जनता पार्टी की उसे 5 सीटों के साथ मिल जाएंगी, प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे देवेंद्र फडणवीस।