तृणमूल कांग्रेस भाजपा पर लगाती है बाहरी होने का आरोप, भाजपा ने पूछा यशवंत सिन्हा , प्रशांत किशोर कबसे हुए बंगाली?

तृणमूल कांग्रेस के द्वारा हमेशा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर ये आरोप लगाया जाता रहा है कि इस पार्टी के नेता बाहरी है। लगातार पश्चिम बंगाल के चुनाव को बंगाली और गैर बंगाली में बांटने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। इस आरोप पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार करते हुए टीएमसी के नेताओं से पूछा है कि प्रशांत किशोर और यशवंत सिन्हा कब से बंगाली हो गए?

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पश्चिम बंगाल में हमेशा ही बंगाली और गैर बंगाली की राजनीति होती रही है। वर्तमान में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं और तृणमूल कांग्रेस के द्वारा लगातार भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को बाहरी कहकर संबोधित किया जा रहा है। दरअसल ममता बनर्जी चाहती हैं कि इस बार भी कैसे भी करके अपनी सत्ता को बंगाल में दोबारा स्थापित कर लिया जाए? वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल में अब TMC को कोई दूसरा मौका नहीं देना चाहती। ममता बनर्जी ने अपनी रैलियों में कई बार कहा है कि बाहरी लोगों पश्चिम बंगाल में राजनीति नहीं करने दी जाएगी। हालांकि भाजपा के नेता इस तरह के आरोपों पर कोई भी पलटवार नहीं करते हैं। लेकिन इस बार भाजपा ने पलटवार करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने पूछा है कि यशवंत सिन्हा और प्रशांत किशोर कबसे बंगाली हो गए हैं?

कुछ समय पहले भाजपा को बाहरी बताते हुए दीदी ने कहा “ये लोग रवींद्रनाथ टैगोर के बारे में बिना कुछ जाने उन्हे अपने चुनावी हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहें हैं।” शायद ममता दीदी यह भूल चुकी है कि पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के पास बहुत सारे बंगाली नेताओं के चेहरे हैं।जिसमें दिलीप घोष, मुकुल रॉय और उनके पुराने साथी रहे शुभेंदु अधिकारी का भी नाम शामिल है। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कई प्रमुख नेता भी मूल रूप से बंगाली है। लेकिन प्रशांत किशोर और यशवंत सिन्हा को लेकर भारतीय जनता पार्टी ममता बनर्जी पर लगातार पलटवार करती रहेगी।

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