आज है विश्व परिवार दिवस, भारत में हर रिश्ते के नाम पर है गांव का नाम, लेकिन मां के नाम पर कोई नहीं

किसी भी व्यक्ति के सफल होने का श्रेय उसके अलावा उसके पूरे परिवार को जाता है। आज हम आपको बताने वाले हैं कि भारत में पारिवारिक रिश्तों के नाम पर कौन-कौन से स्टेशन बने हुए हैं?

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आज विश्व परिवार दिवस है। कहा जाता है कि किसी भी व्यक्ति के कामयाब होने के लिए केवल वही संघर्ष नहीं करता आप अपितु उसका पूरा परिवार संघर्ष करता है। इसीलिए भारत में प्रत्येक रिश्ते की एक अलग अहमियत है और इन्हीं रिश्तो को सम्मान देने के लिए देश में कहीं न कहीं इनके नाम पर कोई ना कोई गांव बसा हुआ है। लेकिन एक व्यथित करने वाली बात यह है कि मां के नाम पर कोई गांव नहीं है। बहन के नाम पर 8, पिता 6, मामा 3 और एक गांव मामी के नाम पर भी है।

नाना -नानी

अगर आंकड़ों की बात करें तो देश के 91 गांव-कस्बे नानी और 82 नाना के नाम पर हैं । इसके बाद हिमाचल प्रदेश में 4, राजस्थान में 2, उप्र और मप्र में एक-एक गांव नाना के नाम पर हैं । vlist.in पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक नानी के नाम पर हिमाचल प्रदेश में एक, राजस्थान में 6, मप्र में 4 गांव हैं, जबकि उप्र में एक भी नहीं।

दादा- दादी

दूसरी तरफ दादा दादी के नाम पर देश में 30 गांव है।इनमें से 16 दादा और 14 दादी के नाम पर। दादा के नाम पर सबसे ज्यादा चार गांव हिमाचल और चार उप्र में हैं, वहीं उत्तराखंड में तीन, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश में दो-दो व पंजाब में एक गांव दादा के नाम पर है। दादी के नाम पर 6 गांव कस्बे मध्य प्रदेश में हैं जबकि, उप्र में चार, उड़ीसा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश में एक-एक है। इसके आलावा काका-काकी के नाम पर भी अलग-अलग राज्यों में 11 गांव हैं ।

भैया, भाभी और दोस्त

देश भर में भैया और दोस्तों के नाम के भी कई गांव हैं। देश के 21 गांव कस्बे ऐसे हैं जिनके नाम में भैया लगा हुआ है।और आश्चर्य की बात यह है कि इनमें से 13 गांव कस्बे तो केवल उत्तर प्रदेश में है। इसके अलावा बिहार राजस्थान में 3-3 और पश्चिम बंगाल में दो गांव कस्बे भैया के नाम पर है। दोस्त के नाम पर 15 गांवों में से 11 उप्र और चार बिहार में हैं। भाई के नाम पर 30 गांवों में से अकेले दस पंजाब में हैं। भाभी के नाम पर भी दो गांव हैं, एक उप्र में तो दूसरा बिहार में।

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