“मेरे टि्वटर हैंडल से ट्वीट करते थे वे लोग बदनामी मेरी होती थी”, जानिए किस लिए दिनेश त्रिवेदी ने छोड़ी TMC

पिछले हफ्ते तृणमूल कांग्रेस छोड़ने वाले राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने पार्टी छोड़ने की वजह का खुलासा करते हुए कहा है कि मेरे टि्वटर अकाउंट भी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के कब्जे में थे, मेरे ट्विटर अकाउंट से उनके द्वारा प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह के लिए अभद्र ट्वीट किए जाते थे। के अलावा उन्होंने प्रशांत किशोर और अभिषेक बनर्जी पर भी कई अहम खुलासे किए हैं।

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चित्र साभार: ट्विटर @ANI

पिछले हफ्ते में कांग्रेस होने वाले राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने पार्टी छोड़ने की कई अहम वजहों का खुलासा किया है। त्रिवेदी का कहना है कि पार्टी के लगभग सभी ट्विटर अकाउंट उनके प्रमुख नेताओं के कब्जे में रहते थे यहां तक कि मेरे ट्विटर अकाउंट से भी पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के लिए अभद्र भाषा से ट्वीट किए जाते थे। ट्वीट में करते थे परंतु बदनामी मेरी होती थी।

हिंदुस्तान टाइम से खास बातचीत करते समय जब त्रिवेदी से ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा वह बहुत ही अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं जो कि संस्कृति के अनुरूप नहीं है। त्रिवेदी का कहना है कि अब समय आ गया है कि हमें भाई भतीजावाद के बाहर निकलना चाहिए। इसके लिए उन्होंने बीजेपी और वाम दलों की तारीफ करते हुए कहा कि इन पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व में कोई ‘भाई-भतीजा’ देखने को नहीं मिलता। उन्होंने भाई-भतीजावाद को असभ्यता की निशानी बताया। उन्होंने अभिषेक का जिक्र करते हुए कहा कि चाहे अभिषेक हो या कोई और अपने चुनावी क्षेत्र में जाने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जब हम राजनीति में संघर्ष कर रहे थे तब अभिषेक बनर्जी बच्चे थे। हालांकि, उन्होंने अभिषेक को तेज बुद्धि का भी बताया।

तृणकांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए त्रिवेदी ने कहा, “पार्टी के प्रमुख नेताओं के ट्विटर हैंडल के पासवर्ड भी उनके पास हैं और कभी कभी ऐसा देखा गया है कि उन ट्विटर हैंडल से प्रधानमंत्री मोदी और राज्यपाल के खिलाफ अभद्र भाषा के ट्वीट किए जाते हैं। कई बार मैंने इन ट्वीट्स पर सवाल उठाए और उन्हें कई बार ट्वीट्स को डिलीट भी करना पड़ा।” प्रशांत किशोर को पार्टी में प्रमुख जिम्मेदारी देने पर त्रिवेदी का कहना है, “यह काफी शर्मनाक है कि खून-पसीने से पार्टी को खड़ा करने वालों को भी करोड़ों रुपये देकर हायर की गई कंपनी का एक कर्मचारी बताता है कि क्या करना है, रैलियों में कैसे बोलना है।” उसके बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या वे भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन करेंगे? तो उनका कहना है कि उनके लिए सौभाग्य होगा भारतीय जनता पार्टी विश्व की नंबर एक पार्टी है। अब देखना यह होगा क्या भारतीय जनता पार्टी का दामन थामकर तृणमूल कांग्रेस को एक और झटका उन्हीं के नेताओं के द्वारा मिलेगा।

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