जितिन प्रसाद समेत इन नेताओं ने ली गोपनीयता की शपथ, जानिए किन चहरों को मिली योगी कैबिनेट में जगह, और क्या है उनका राजनैतिक इतिहास

उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट का विस्तार हो चुका है। कांग्रेस पार्टी से भारतीय जनता पार्टी में आने वाले जितिन प्रसाद समेत आठ नेताओं को नई कैबिनेट में जगह मिली है। शपथ ग्रहण समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत कई पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

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उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट का विस्तार हो चुका है। कई नए नेताओं को मंत्री पद से नवाज दिया गया है। इस पूरे कैबिनेट विस्तार को जातिगत नजर से भी देखा जा रहा है। क्योंकि उत्तर प्रदेश में सन 2022 में विधानसभा के चुनाव होने हैं और ऐसा कहा जा रहा है कि ब्राह्मणों, दलितों और ओबीसी वर्ग के लोगों की नाराजगी को दूर करने के लिए जो कदम भी भारतीय जनता पार्टी उठा सकती है वह सब उठाए जाएंगे। इससे पहले हम आपको बता दें भारत की केंद्रीय कैबिनेट में भी उत्तर प्रदेश के 15 लोगों को जगह दी गई है। आइए जानते हैं वह कौन नेता हैं जिन्हें मिली है योगी कैबिनेट में जगह:

इन नेताओं को योगी कैबिनेट में किया गया शामिल

  1. जितिन प्रसाद
  2. संगीता बिन्द
  3. छत्रपाल गंगवार
  4. पलटू राम
  5. दिनेश खटीक
  6. कृष्णा पासवान
  7. संजय गौड़
  8. धर्मवीर प्रजापति

जितिन प्रसाद

जितिन प्रसाद कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता थे और पार्टी की गतिविधियों से नाराज होकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। जितिन प्रसाद सबसे पहले शाहजहांपुर से चुनाव जीते थे। इसके बाद उन्हें कांग्रेस ने धौरहरा सीट से चुनाव लड़ाया था। जितिन प्रसाद धौरहरा, कस्ता, मोहम्मदी, महोली और हरगांव विधानसभा क्षेत्रों में ज्यादा सक्रिय रहते हैं। राजनीति के लिहाज से जितिन इन्हीं क्षेत्रो में काम करते रहे हैं। लेकिन ब्राह्मण होने के नाते उनके नाम का प्रभाव अवध के बड़े क्षेत्र और पूर्वांचल के कुछ क्षेत्रों पर भी है।

आपको बता दें कि 2001 में जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद के निधन होने के कारण उनकी मां कांता प्रसाद ने लोकसभा का उप चुनाव लड़ा था लेकिन वे हार गई थी। समय उनके पिता का निधन हुआ तब जितिन पढ़ाई कर रहे थे पढ़ाई पूरी होने के बाद अफसर भी बने। लेकिन परिवार की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए सन 2001 में भी युवक कांग्रेस के सचिव बन गए। 2004 में लोकसभा का चुनाव हुआ, और इस चुनाव में जनता के अपार समर्थन से वे पहली बार सांसद बने। 2008 में जितिन प्रसाद के राजनीतिक कद में बढ़ोतरी हुई और उन्हें केंद्र सरकार में इस्पात राज्य मंत्री बनाया गया। इस पूरे समय के दौरान उन्होंने अपने शाहजहांपुर की जनता का खूब ध्यान रखा।

जितिन प्रसाद 2009 से जनवरी 2011 तक सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, 19 जनवरी 2011- 28 अक्टूबर 2012 तक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा 28 अक्टूबर 2012 – मई 2014 तक मानव संशाधन एवं विकास मंत्रालय, यूपीए सरकार में केन्द्रीय राज्यमंत्री रहे।

धर्मवीर प्रजापति

धर्मवीर उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य के साथ माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। धर्मवीर प्रजापति मूलरूप से हाथरस जिले के बहरदोई के रहने वाले हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए अपने सामाजिक जीवन की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने भाजपा से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। वर्ष 2002 में पहली बार उन्हें प्रदेश का दायित्व मिला। तत्कालीन पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ में वह प्रदेश के महामंत्री बनाई गये।इसके बाद दो बार प्रदेश संगठन में मंत्री का दायित्व संभाला। जनवरी 2019 में उन्हें माटी कला बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। अयोध्या में श्रीराम के दीपोत्सव कार्यक्रम के लिए उन्होंने आगरा, एटा, कन्नौज सहित दूसरे जिलों से डिजाइनर दिए की व्यवस्था कराई थी।

संगीता बिंद

2017 के विधानसभा चुनाव में डॉ. संगीता बिंद बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ी और निर्वाचित घोषित हुई। संगीता को राजनीति के अलावा साहित्य में भी रुचि है। भारतीय जनता पार्टी से इनका जुड़ाव 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान हुआ, मनोज सिन्हा की करीबी मानी जाने वाली डॉ. संगीता बलवंत को 2017 में वर्तमान एलजी (J&K) के प्रयासों से ही टिकट मिला और ये गाजीपुर, सदर सीट से भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान विधायक हैं और क्षेत्र में लोकप्रिय भी हैं। बीजेपी विधायक डॉ. संगीता बलवंत ने कहा कि गाजीपुर की समस्याओं को विधानसभा में मैं हमेशा उठाती रहती हूं। ताकि यहां के समस्याओं का निस्तारण किया जा सके एक सवाल के जवाब में संगीता बलवंत ने कहा कि जब तक जीवन है, तब तक कार्य खत्म नहीं होंगे।

छत्रपाल गंगवार

छत्रपाल गंगवार बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक है। उन्होंने वर्ष 2017 में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के अतउर्रहमान को मात देकर सफलता प्राप्त की थी। इन चुनावों के अंतर्गत छत्रपाल सिंह को 58,172 वोट प्राप्त हुए और अतउर्रहमान को 48,154 मत प्राप्त होकर दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। उन्होंने बरेली के रोहिलखंड यूनिवर्सिटी से वर्ष 1977 में बीएड की शिक्षा प्राप्त की है। इसके अतिरिक्त उन्होंने वर्ष 1979 में बरेली की इसी यूनिवर्सिटी से परास्नातक तक शिक्षा प्राप्त की है। वह भारतीय जनता पार्टी से लम्बे समय से जुड़े रहें हैं।

पलटू राम

गोंडा जिले के परेड सरकार गांव में जन्में विधायक पलटू राम ने फैजाबाद (अब अयोध्या) के अवध विश्वविद्यालय से एम ए तक की शिक्षा प्राप्त की। राजनीति में आने की उम्मीद लेकर वह छात्र जीवन से ही सामाजिक कार्यों में रुचि लेने लगे थे। वह सन 2000 में सबसे पहले भदुआ तरहर क्षेत्र से सदस्य और जिला पंचायत के उपाध्यक्ष चुने गए। इसके बाद, 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर वह मनकापुर सुरक्षित सीट से चुनाव लड़े पर उन्हें 4622 मतों से हारना पड़ा। उन्होंने 2015 में गिर्द गोंडा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और जीता। पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा व समर्पण को देखते हुए उन्हें 2017 के विधानसभा चुनाव में बलरामपुर सदर सीट से लड़ने का टिकट दिया गया। इस विधानसभा चुनाव में विजय प्राप्त करने के बाद उन्हें विधानसभा जाने का मौका मिला आज आज उत्तर प्रदेश की कैबिनेट में उन्हें मंत्री के रूप में शामिल किया गया।

दिनेश खटीक

हस्तिनापुर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक दिनेश खटीक को भी आज योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में जगह मिल गई है। दिनेश खटीक पश्चिमी यूपी से आते हैं। इनके राजनीतिक करिअर की बात करें तो 2017 में इन्होंने पहली बार भाजपा से चुनाव लड़ा था। बसपा प्रत्याशी को भारी मतों से हराकर पहली बार दिनेश खटीक चुनाव जीतकर विधायक बने थे। जानकारी के अनुसार खादर क्षेत्र को बाढ़ से सुरक्षित बचाने के लिए 18 करोड़ रुपये की दो परियोजनाओं को दिनेश खटीक ने सीएम योगी से मिलकर पास कराया था।

कृष्णा पासवान

कृष्णा पासवान जो इस समय उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में खागा विधानसभा से विधायक हैं। कृष्णा पासवान का पैतृक गांव गोपालपुर कुसुंबी है। उनका फतेहपुर शहर में भी आवास है और इस समय वह फतेहपुर जिले के खागा विधानसभा से विधायक के रूप में कार्यरत हैं। कृष्णा पासवान कभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हुआ करती थी लेकिन अपनी मेहनत के बल पर वे तीन बार से लगातार विधायक की जीतती हुई आ रही हैं।

संजय सिंह गौड़

2017 में पहली बार विधायक बने  संजीव सिंह गोंड़ अनुसूचित जनजाति से भाजपा के एकमात्र विधायक हैं। आप को बता दें कि वर्ष 2017 में यूपी विधानसभा की दो सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हुई थीं। यह दोनों सीटें सोनभद्र के हिस्से आई थी। इसमें ओबरा से भाजपा ने संजीव सिंह गोंड़ को प्रत्याशी बनाया था, जबकि दूसरी दुद्धी सीट अपना दल-एस के पाले में दे दी गई थी। पार्टी की ओर से संजीव सिंह गौड़ को टिकट मिला था जिन्होंने पूर्व मंत्री के बेटे वीरेंद्र सिंह को हराकर इस विधानसभा में भगवा ध्वज में हरा दिया था। सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली समेत कई जिलों में अच्छी तादाद में मौजूद गोंड़ जाति को साधने के लिए संजय गौड़ को योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में जगह मिली है। आपको बता दें इससे पहले इस समुदाय के विजय सिंह गोंड़ भी सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

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