पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने विवादित बयान के कारण हर ओर सुर्खियां बटोर रही हैं। दरअसल कल स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती थी, जिसका भव्य आयोजन केंद्र सरकार द्वारा कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में आयोजित किया गया था, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थी। लेकिन सीएम ममता ने आयोजन में जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे का विरोध करते हुए भाषण देने से साफ इंकार कर दिया था, जिसके बाद नया विवाद खड़ा हो गया है।
If CM Mamata Banerjee can recite an Islamic prayer at a West Bengal government event, why does she have a problem being greeted with Jai Shree Ram?
Appeasement?
She disgraced Bengal and insulted Netaji’s legacy by her conduct at the event to commemorate Netaji’s anniversary. pic.twitter.com/OpQ7MR60m2
— BJP Bengal (@BJP4Bengal) January 24, 2021
वहीं इस पूरे मामले पर आज बीजेपी बंगाल ने अपने आधारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा-अगर सीएम ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल सरकार के किसी कार्यक्रम में इस्लामिक प्रार्थना कर सकती हैं, तो उन्हें जय श्री राम बोलने में दिक्कत क्यों होती है?तुष्टिकरण? उन्होंने बंगाल को बदनाम किया और नेताजी की वार्षिकी के मौके पर उसके आचरण से नेताजी की विरासत का अपमान किया। वही दूसरी तरफ विश्व हिंदू परिषद की ओर से ट्वीट करके लिखा गया कि “भगवान के नाम जयश्रीराम से पहले रावण अपमानित महसूस करता था, अब सेकुलरमाफिया ! हार का डर इतना हताश कर देता है कि आप देश की आत्मा को भी अपमानित कर देते हैं? ममता जी, राम भारत की आत्मा है जिनके नाम जप से देश ही नहीं विश्व भी गौरवान्वित होता है”।
भगवान के नाम #जयश्रीराम से पहले रावण अपमानित महसूस करता था, अब #सेकुलरमाफिया !
हार का डर इतना हताश कर देता है कि आप देश की आत्मा को भी अपमानित कर देते हैं? @MamataOfficial जी, राम भारत की आत्मा है जिनके नाम जप से देश ही नहीं विश्व भी गौरवान्वित होता है: @drskj01— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) January 24, 2021
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कार्यक्रम में सीएम ममता बनर्जी को सुभाष चंद्र बोस के लिए दो शब्द बोलने के लिए बुलाया गया था। तब वहां मौजूद जनता ने जय श्री राम, भारत माता की जय और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। जिस का विरोध करते हुए कहा कि यह उनका अपमान है और वो यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगी। उन्हें अपमानित महसूस हो रहा है। इसलिए वह अब भाषण नहीं देने वाले हैं। सीएम ममता यह सब बोलने के बाद जाकर चुपचाप अपनी सीट पर बैठ गई। हालांकि सीएम ममता का ऐसा करना नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार को भी बिल्कुल पसंद नहीं आया है।