इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा 16 जनवरी का दिन, पीएम मोदी के भी दिखे कई रंग

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जिस पल, जिस लम्हे का इंतजार हम पिछले कई महीनों से कर रहे थे आखिरकार कल वो लम्हा देश को मिल ही गया। देश में कोरोना को हराने के लिए वैक्सिनेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। देश की राजधानी दिल्ली में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैक्सिनेशन की शुरुआत अपने कर कमलों से की। वैक्सिनेशन की शुरुआत होने के बाद देश की जनता ने कल नरेन्द्र मोदी के संबोधन के दौरान नरेंद्र मोदी के कई रूप भी देखे। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी कभी भावुक दिखे तो कभी वो सख्त रूप से देश की जनता को हिदायत भी देते देखे गए। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह की पंक्ति का भी जिक्र किया। जिसमें दिनकर जी ने कहा था कि “मानव जब जोर लगाता है, पत्थर भी पानी बन जाता है।”

संस्कृत के श्लोक से वैक्सिनेशन की हुईं शुरुआत

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दुनिया के सबसे बड़े कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत कल कर दी । भारत के पीएम मोदी ने सर्वे भवन्तु सुखिन: के नारे के साथ कोरोना वैक्सीन अभियान की शुरूआत की। देश भर में लगभग 3000 केंद्रों पर 3 लाख लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वैक्सीन लगने के बाद भी हमें सावधानी की जरूरत होगी। वहीं पीएम मोदी ने श्लोक के जरिए लोगों के निरोग और सुखी रहने की कामना की।

भावुकता से भरा रहा पीएम मोदी का संबोधन

वैक्सिनेशन की शुरुआत पर पीएम मोदी का संबोधन कई मायने में महत्वपूर्ण था, और इस संबोधन के दौरान कई ऐसे भी पल आए जिस वक़्त पीएम मोदी खुद को रोक नहीं पाए और पूर्ण रूपेण भावुक हो गए। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कुछ ऐसे लोगो का ज़़िक्र किया जिनका निधन कोरोना से हो गया था। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हमारे कई साथी ऐसे रहे जो बीमार होकर अस्पताल गए तो लेकिन लौटे ही नहीं। लेकिन इन सब दुखद घड़ी में भी कुछ लोगों ने अपने घर परिवार, पर्व त्योहार, घर द्वार सभी को छोड़ दिया था और देश को बचाने में लग गए थे। आज उनका धन्यवाद करना चाहिए। आज उन्हीं के बदौलत देश को वैक्सीन के रूप में एक बहुत बड़ा वरदान मिला है और इसका श्रेय देश के वैज्ञानिकों के साथ-साथ लोगों के रक्षक चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों को जाता हैं।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देश के बच्चो का भी ज़िक्र किया और कहा कि वो दर्द और पीड़ा से गुजर रहा था लेकिन चाह कर भी उसकी मां कुछ नहीं कर पा रही थी और ऐसे में आज के दिन उन सबने थोड़ा ही सही लेकिन राहत की एक सांस जरूर ली होंगी।

मनीष को लगा पहला टीका, हर्षवर्धन रहे मौजूद

दिल्ली स्थित एम्स में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के उपस्तिथि में पहला टीका मनीष को लगाया गया। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि आज यानी 16 जनवरी का दिन भारत के इतिहास में अंकित हो गया और इसकी शुरुआत भी मनीष के नाम से हुई है जो देश को गौरवन्वित करता है।

पीएम मोदी का लोगों से भावुक अपील

पीएम मोदी ने देश के तमाम लोगों से अपील करते हुए अपने संबोधन में कहा कि सभी लोग ये बात जरूर याद रखे कि वैक्सीन की 2 डोज लगनी बहुत जरूरी है। वहीं पीएम मोदी ने लोगो से प्रार्थना करते हुए कहा कि एक डोज के बाद एक और डोज़ लगवाना भूल ना जाए। वहीं अभी भी मास्क और दो गज़ की दूरी का पालन करना चाहिए। पीएम मोदी ने वैक्सीन के अपवाहो का जिक्र करते हुए कहा कि देश की जनता इस तरफ ध्यान ना दे और देश के वैज्ञानिक और डॉक्टर्स पर भरोसा रखें। डॉक्टर और वैज्ञानिक किसी का अहित नहीं चाहते।

पीएम ने मूल्य की दी जानकारी

अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने देश वासियों को कहा कि भारतीय वैक्सीन विदेशी वैक्सीन की तुलना में बहुत सस्ती हैं और इनका उपयोग भी उतना ही आसान है। पीएम मोदी ने गर्व से कहा कि आज बच्चो को लगने वाला टीका के 60 प्रतिशत से अधिक टीकों का निर्माण भारत में होता है और यह हमे गौरवान्वित करने के साथ संदेश देता है कि भारत अपने नागरिकों के हित के जागरूक है और सदैव तत्पर रहेगा।

कुल मिलाकर अगर बात करें, तो यह विषय राजनीति का तो कतई ही नहीं है और आज यानी जब देश में बहुप्रतीक्षित इंतजार पर विराम लग गया है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों को एक साथ आ कर आज के दिन का स्वागत करना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य है यह देश का कि विपक्ष को राजनीति चमकाने के लिए भी आज का ही दिन मिला। इन सब के बीच कुछ दलों ने आज के दिन स्वागत भी किया है लेकिन देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आने वाली और इसी कड़ी में कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने वैक्सिनेशन की प्रकिया पर ही सवाल खड़ा कर दिया। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए था। 16 जनवरी 2021 भारत के इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है लेकिन इसके पीछे जिस तरह का संघर्ष और संयम पीएम मोदी के नेतृत्व में देश के वैज्ञानिको और डॉक्टरों ने दिखाया है उसे सदियों तक देश याद रखेगा। आज देश का हर तबका खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हैं क्युकी महामारी के बाद वैक्सीन किसी वरदान से कम नहीं है।

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