कांग्रेस पार्टी लगातार वंशवाद के चंगुल में फसती जा रही है। पंडित जवाहरलाल नेहरु के द्वारा इंदिरा गांधी और इंदिरा के द्वारा राजीव और संजय को सौंपी गई पार्टी आज वर्तमान में सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के हाथों का खेल बन चुकी है। इसी बीच सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी की स्थाई अध्यक्ष का को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने साफ किया कि वह ही कांग्रेस की स्थायी अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने हर मामले को गंभीरता से सुना और सुलझाया है। मीडिया के जरिए उनसे बात करने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर विशेषतौर पर युवाओं की भागीदारी बढ़ी है। चाहें वह किसानों का मुद्दा हो, महामारी के दौरान राहत पहुंचाना हो या फिर युवाओं व महिलाओं का मुद्दा हो। लखीमपुर हिंसा पर उनका कहना है कि यह घटना भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक जारी है। इस बैठक में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, अशोक गहलोत, आनंद शर्मा समेत पार्टी के 52 वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। बैठक में वर्तमान राजनीतिक स्थिति, आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा होगी।
न्यूज़ एजेंसी ए एन आई के अनुसार बताया जा रहा है कि कार्यसमिति की बैठक में 52 वरिष्ठ नेता हिस्सा ले रहे हैं तो वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह समेत पांच अन्य नेता बैठक का हिस्सा नहीं हैं। संगठनात्मक चुनावों और अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर सोनिया गांधी ने कहा कि हमने 30 जून तक नियमित कांग्रेस प्रमुख के चुनाव के लिए रोडमैप को अंतिम रूप दिया था मगर कोरोना की दूसरी लहर के कारण समय सीमा अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दी गई। आज हमेशा के लिए स्पष्टता लाने का अवसर है।