जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद लगातार परिस्थितियां धीरे-धीरे सुधर रही थीं। लेकिन एक बार फिर जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों की गोलियां मासूम कश्मीरियों को अपना निशाना बनाने लगी हैं। मासूम कश्मीरियों को इन आतंकवादियों से बचाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक मास्टर प्लान तैयार किया गया है। जिसके अनुसार प्रशासन ने प्रवासी कर्मचारियों को दूरदराज और संवेदनशील क्षेत्रों के बजाय सुरक्षा चित्र में पोस्ट करने का निर्णय ले लिया है।
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई कुछ घटनाओं के बाद शिक्षकों समेत अन्य सरकारी कर्मचारी दहशत में हैं। इनमें से बहुत सारे लोगों ने घाटी से बाहर अपने ट्रांसफर की मांग कर दी है, इसके अलावा कुछ तो आतंकवादियों के भय से विद्यालय ही नहीं जा रहे हैं। इसी को देखते हुए प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। प्रवासी कर्मचारियों द्वारा दूर-दराज के इलाकों में अपनी पोस्टिंग पर आशंका दिखाने के बाद प्रशासन द्वारा यह कदम उठाया गया है।
जानकारी के मुताबिक, करीब तीन हजार प्रवासी कर्मचारी कश्मीर में कई जिलों में विभिन्न पदों पर काम कर रहे हैं और उनमें से अधिकांश सरकार द्वारा प्रदान किए गए आवास में रहते हैं, इन आवासों की सुरक्षा पुलिस कर रही है। लेकिन पिछले दिनों पांच नागरिकों विशेषकर दो सरकारी शिक्षकों की हत्या के बाद कश्मीर में काम करने वाले कई प्रवासी कर्मचारी जम्मू के लिए रवाना हो गए। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रवक्ता ने कश्मीर के संभागीय आयुक्त, पुंडुरंग पोल के हवाले से बुधवार रात को एक बयान में बताया कि उनके निर्देश पर उपायुक्त और एसएसपी नियमित रूप से प्रवासी कॉलोनियों, आवासों का दौरा कर रहे हैं। उन्हें सुरक्षा, विश्वास निर्माण उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है। उन्होंने ये भी बताया कि उनकी सुरक्षा और सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा सुविधाएं और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं।