वैसे तो समाजवादी पार्टी खुद को समाजवाद के सिद्धांत पर चलने वाली पार्टी बताती रही है। लेकिन समाजवादी पार्टी की तरफ़ से हमेशा समाजवाद के सिद्धांतों को कुचलकर चलते देखा गया है। गुंडों और माफियाओं से भरी इस पार्टी के नेता का रिश्ता जितना जुर्म और भ्रष्टाचार से रहा है उतना ही इस पार्टी के नेता अपने बड़बोलेपन के लिए भी चर्चित रहते हैं। सपा के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव कभी बालात्कार के दोषियों को “लड़को से गलती हो जाती है” कहकर उकसाने का काम कर चुके हैं। अब उनकी इस विवादी बातों को आगे बढ़ाते हुए वर्तमान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी आगे बढ़ाते दिख रहे हैं। कभी अपने ही कुनबे में फैली तकरार की वज़ह से पार्टी के अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे से जूझ रही सपा, अभी भी सबक लेकर साफ सुथरी राजनीति में कोई रुचि नहीं ले रही है।
क्या कोरोना की वैक्सीन का निर्माण भाजपा कर रही है?
इस वक्त दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। वैक्सीन को हरी झंडी मिल चुकी है और बहुत जल्द ही ये आम लोगो तक पहुँच जाएगी। दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत सरकार भी कोरोना की वैक्सीन को जल्द से जल्द आम जनता तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही है। भारत सरकार द्वारा कोरोना वैक्सीन को आम जन तक पहुँचाने के लिये युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। लेकिन शायद सत्ता से बेदखल सपा को सरकार का ये कदम रास नहीं आ रहा है। कोरोना की वैक्सीन को लेकर सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है की उन्हें भाजपा सरकार द्वारा लगवाई जा रही वैक्सीन पर भरोसा नही है। वो इस वैक्सीन को किसी भी हालत में नहीं लगवायेंगे।
अखिलेश यादव का कहना है कि वो वैक्सीन तभी लगवायेंगे जब उनकी सरकार आएगी और वो इस वैक्सीन को मुफ्त में जनता के लिये उपलब्ध करवा देंगे। एक राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर अखिलेश यादव का ये बयान कितना बेतुका और गैर जिम्मेदाराना है, इसको बताने की जरूरत नही है। सपा मुखिया को अब कौन ये समझाए की कोरोना की वैक्सीन किसी राजनीतिक पार्टी द्वारा नहीं बल्कि वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई है। दूसरी बात ये है कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार आएगी तो क्या खुद सपा के मुखिया अखिलेश जी स्वयं ही वैज्ञानिक बन कर वैक्सीन का निर्माण करेंगे?
अखिलेश यादव का बयान कितना गैरजिम्मेदाराना इसका जवाब उन्हें सोशल मीडिया पर मिल रहा है-
अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा, “हमें वैज्ञानिकों की दक्षता पर पूरा भरोसा है पर भाजपा की ताली-थाली वाली अवैज्ञानिक सोच व भाजपा सरकार की वैक्सीन लगवाने की उस चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है, जो कोरोनाकाल में ठप्प-सी पड़ी रही है। हम भाजपा की राजनीतिक वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। सपा की सरकार वैक्सीन मुफ़्त लगवाएगी।”
अखिलेश के इस बयान के साथ ही उनकी पार्टी के एमएलसी ने तो यहां तक कह दिया कि कि कोरोना वैक्सीन के जरिए लोगों को नपुसंक बनाने की कोशिश की जा रही है। राजनीति के नाम पर इस तरह की बेतुकी बातों से आख़िर समाजवादी पार्टी किस समाजवाद को दर्शाना चाहती है, ये सिर्फ सपा के लोग ही समझ सकते हैं।
हालांकि सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी को उनके इस बेतुके बयान के लिये काफी ट्रोल किया जा रहा है। एक यूजर ने लिखा कि अत्यंत दुख की बात है, अखिलेश तो कोरोना वैक्सीन गुप्त रूप से लगवा लेंगे, लेकिन अपने प्रशंसकों को गुमराह कर उनके जीवन के साथ खेल रहे हैं। खुद की राजनीति चमकाने के लिए यह लाखों समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की जान लेंगे।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का ये बयान साफ तौर पर जाहिर कर रहा है कि सत्ता की गद्दी से दूर रहने का कितना गहरा असर उनकी मानसिकता पर पड़ रहा है। लेकिन अखिलेश यादव को और समूची समाजवादी पार्टी को ये समझने की जरूरत है कि सत्ता में आने के लिए ईमानदारी से काम करने की जरूरत है। काम के बजाय जनता को बरगलाने और ऐसी बेतुकी बातें उन्हें निश्चित तौर पर आने वाले कई वर्षों तक सत्ता की कुर्सी से दूर रखेगी।