रामपुर | उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में एक दुकानदार ने डीएम के सामने ही तहसीलदार को गला दबाकर मारने की कोशिश की। लॉकडाउन में देर रात तक दुकान खोलने का विरोध करने पर जब अधिकारियों ने विरोध किया तो पहले तो दुकानदार ने अपने मकान मालिक के साथ मिलकर अधिकारियों से बहस बाजी की और फिर उसके बाद तहसीलदार प्रमोद कुमार गुप्ता का गला दबाने का भी प्रयास किया। ताज्जुब की बात ये है कि जब ये सब हो रहा था तो वहाँ उप जिलाधिकारी आईएएस प्रवीण कुमार मौजूद थे। फिर भी आरोपी दुकानदार को कोई फर्क नहीं पड़ा।
लॉकडाउन के तीसरे चरण में रामपुर के जिलाधिकारी ने कुछ दुकानों को खोलने की छूट दी है। इसके लिए समय भी निर्धारित किया गया है। यहाँ शाम सात बजे तक ही दुकान खोलने की अनुमति है। शनिवार देर रात उप जिलाधिकारी सदर आइएएस प्रवीण कुमार, तहसीलदार प्रमोद कुमार, नायब तहसीलदार कृष्ण गोपाल मिश्रा राजस्व कर्मियों व पुलिस के साथ क्षेत्र में लॉकडाउन का पालन कराने के लिए निरीक्षण कर रहे थे। इस दौरान शाहबाद रोड अजीतपुर में एआरटीओ कार्यालय के पास सड़क किनारे एक दुकान खुली मिली। यह दुकान यहाँ के स्थानीय निवासी कय्यूम की बिल्डिंग में है, जिसे उसने प्रदीप अरोरा नाम के शख्स को को किराए पर दे रखा है। वर्तमान में कय्यूम भी इसी बिल्डिंग में रह रहा है।
अधिकारियों ने दुकान पर बैठे प्रदीप से देर रात तक दुकान खोलने पर नाराजगी जताते हुए दुकान बंद करने को कहा। साथ ही लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर दो हजार रुपये जुर्माने की रसीद भी काट दी। इस पर दुकानदार ने दुकान मालिक कय्यूम को आवाज देकर बुला लिया। दोनों ने मिलकर तहसीलदार और उप जिलाधिकारी के अर्दली नसीम से मारपीट शुरू कर दी। तहसीलदार का गला दबाकर जान से मारने का प्रयास किया। अन्य स्टाफ व अधिकारियों ने उन्हेंं बचाया। अधिकारियों संग मौजूद लोग दोनों को पकडऩे दौड़े, लेकिन दोनों जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए। घटना के समय मौजूद लेखपाल सतेंद्र प्रकाश शर्मा की ओर से दोनों के खिलाफ टीम पर हमला करने, लॉकडाउन का उल्लंघन करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने आदि धाराओं मुकदमा कराने की तहरीर सिविल लाइन्स पुलिस को दे दी है।
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