शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए दिया जा रहा है ऑनलाइन शिक्षा पर विशेष जोर

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प्रतीकात्मक चित्र

कोरोना वायरस की चपेट में आज लगभग पूरी दुनिया हैI करोड़ों लोग आज लॉकडाउन की वजह से अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैंI विश्व अर्थव्यवस्था के साथ दैनिक जन-जीवन भी चरमराया हुआ हैI कहा जा सकता है कि कोरोना वायरस ने लगभग सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया हैI धीरे-धीरे ही सही पर इसके प्रभाव कई क्षेत्रों पर दिखने भी लगे हैं जैसे कि शिक्षा व्यवस्था। भारत की बात करें तो शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए केंद्र सरकार ने कार्य भी करना शुरू कर दिया है।

लॉकडाउन के बीच बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसीलिए ‘भारत पढ़े ऑनलाइन’ योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है। इस योजना के बेहतर क्रियान्वन हेतु जनता से भी सुझाव मांगे गए हैं। इस योजना के तहत स्कूली शिक्षा से लेकर कॉलेज स्तर के इंजीनियरिंग और व्यावसायिक सहित सभी पाठ्यक्रम ऑनलाइन शुरू किए जाने की योजना है। इन्हीं के साथ सिविल सेवा परीक्षा और आईआईटी व मेडिकल कॉलेजों के लिए तैयारी कराने वाली कोचिंग संस्थान भी इस मुहीम से जुड़ गए हैं। ऐसा करने पर शुरू में इंफ्रास्ट्रक्चर, आदत और माहौल जैसी समस्याएं आना स्वाभाविक हैं पर लॉकडाउन के बीच शुरू हुई ये प्रणाली आज के वक़्त की ज़रूरत है अतः इसे स्वीकार किया जाना चाहिए। ये नवीन शिक्षा पद्धति मौजूदा हालात के साथ भविष्य की दृष्टि से भी लाभदायी है।

समय की मांग है ऑनलाइन शिक्षा

फिलहाल कोरोना संक्रमण का काल कबतक रहेगा ये न तो वैज्ञानिक बता पा रहे हैं और न ही नीति निर्धारक। ऐसे में सुरक्षित स्थिति तक आने में कुछ महीने लग सकते हैं जब स्कूल-कॉलेजों को खोलने की अनुमति दी जा सकेगी। ऐसी स्थिति में शिक्षण कार्य को अनिश्चितकाल के लिए नहीं बाधित किया जा सकता। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने विभिन्न स्तरों पर ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करवाई हैं जिनमें निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक शिक्षक अपने घर से ही ऑनलाइन शिक्षाएं दे रहे हैं। जहाँ बात व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की करें तो उनके लिए ये नया अनुभव नहीं पर स्कूल-कॉलेजों के लिए ये अपेक्षाकृत नया अनुभव व चुनौती जरूर है जिससे उन्हें हर हाल में जीतना ही पड़ेगा।

ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों की समस्याएं

ऑनलाइन शिक्षाओं के संचालन में शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में परिस्थितियां ज़्यादा चुनौतीपूर्ण हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों तक न ही कंप्यूटर और न ही इंटरनेट उपलब्ध है ऐसे में उनके सामने कठिनाइयां आना स्वाभाविक हैं। केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकारों को भी इस बदले परिदृश्य में ऐसे विद्यार्थियों की मदद हेतु आगे आना चाहिए जिससे वे भी दुनिया के साथ आगे बढ़ें। सरकारों को देखना होगा कि यहां ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था कैसे सुचारू रूप से संचालित की जा सकती है। वहीं, शिक्षकों के ऊपर बड़ी ज़िम्मेदारी ये भी है कि कैसे वे अपने विद्यार्थियों के बीच इस नई प्रणाली को रुचिकर व स्वीकार्य बना पाते हैं। इन अनेकों समस्याओं के बीच देश की विभिन्न भाषाओं में सभी विषयों की सामग्री इंटरनेट पर उपलब्ध करवाना भी एक चुनौती है लेकिन ये असंभव भी तो नहीं। ऐसा करने पर ये देश और समाज दोनों के ही हित में होगा।

दुनियाभर के विश्वविद्यालयों की पाठ्य सामग्रियों तक आसानी से पहुंच

आज ऑक्सफ़ोर्ड, कैंब्रिज सहित विश्वभर के प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों की पाठ्य सामग्रियां, जर्नल, व्याख्यान व पत्रिकाओं में छपे लेख इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। वहीं बात करें भारत के आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों की तो यहाँ के भी लेक्चर व पाठ्य सामग्रियां इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध हैं। ऐसी स्थितियों में ऑनलाइन शिक्षा को विद्यार्थियों के बीच प्रोत्साहन देने से वे नए-नए ज्ञान से लैस होंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष बजट में केंद्र सरकार ने शुरुआत के तौर पर लगभग 100 कॉलेजों में ऑनलाइन शिक्षा के बारे में प्रावधान किए हैं व भविष्य में इनकी संख्या बढ़नी तय हैI

बढ़ती जनसंख्या और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

कोरोना महामारी से अलग जिस तरह से भारत की जनसंख्या बढ़ती जा रही और ऐसे में सभी को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे पाना अपने आपमें एक चुनौती हैI तब इस परिस्थिति से निपटने के लिए ऑनलाइन शिक्षा ही रामबाण उपाए है। आज इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि देश में जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरने वाले स्कूल-कॉलेजों की संख्या पर्याप्त नहीं हैं। ऐसे में अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि हर साल क्यों नर्सरी और प्राइमरी कक्षाओं में दाखिले के लिए पूरे देश में अभिभावकों की ओर से अफरा-तफरी मची रहती है? ऑनलाइन शिक्षा के विकल्प से ऐसी समस्याओं से निपटा जा सकता है तब स्कूलों पर कम दबाव पड़ेगा और अभिभावकों के पास अपने हिसाब से पढ़ाने की स्वतंत्रता भी मिलेगी। आज शिक्षकों को बच्चों के साथ वास्तविक कक्षा जैसा माहौल बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना होगा तभी हम ऑनलाइन शिक्षा से लाभ उठा पाएंगे।

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