कांग्रेस में आज फिर अध्यक्ष पद को लेकर ड्रामा शुरू हुआ। लेकिन लौट फिर कर पार्टी की अध्यक्षता फिर सोनिया गांधी की हाथों में आ गई। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कांग्रेस पार्टी पंडित नेहरू से इंदिरा गांधी, इंदिरा गांधी से राजीव गांधी, राजीव गांधी से सोनिया गांधी, सोनिया से प्रियंका और राहुल और राहुल गांधी के बाद फिर उनकी मां सोनिया गांधी के पास पहुंच गई है। आज की मीटिंग से यह सोचा जा रहा था कि शायद कांग्रेस की हालत में कुछ सुधार हो सकता है लेकिन कांग्रेस की हालत फिर वही लौटकर आ गई। आज कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक हुई थी जिसमें सोनिया गांधी ने अपनी अध्यक्षता को छोड़ने का ऐलान किया था। लेकिन पार्टी नेताओं के कहने पर और पूरी मीटिंग के बाद यह तय हुआ कि कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष फिर से सोनिया गांधी ही बनी रहेंगी।
इस बैठक में राहुल गांधी ने कांग्रेस के नेताओं पर आरोप लगाया कि उन्होंने भाजपा से मिलकर सोनिया गांधी को नेतृत्व बदलने के लिए पत्र लिखा था। जिसके बाद गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने विरोध के स्वर बुलंद कर दिए। हालांकि कुछ समय बाद कपिल सिब्बल ने तो सफाई दी। लेकिन गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यदि मैं किसी से मिला हुआ हूं और यह बात सिद्ध हो जाती है तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा।
लेकिन इस पूरे मामले को देखकर यह माना जा सकता है कि कांग्रेस में केवल अध्यक्ष पद के लिए ड्रामा चलता है बाकी यदि हम व्यंग में कहे तो, “कांग्रेस अध्यक्ष का पद सृष्टि के अंत तक नेहरू गांधी खानदान के लोगों के पास ही रहेगा।”