काफी समय से भारतीय जनता पार्टी की कद्दावर नेता और मंदिर आंदोलन का चेहरा रही उमा भारती प्रदेशों में शराब को बंद करने की मांग पर अड़ी हुई है, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी सरकार का रुख भी साफ कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कटनी में एक सरकारी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “हम मध्य प्रदेश को नशा मुक्त प्रदेश बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं… इसके लिए आप सभी का सहयोग चाहिए। यह सिर्फ शराब बंदी से नहीं होगा,पीने वाले लोग रहेंगे तो दारू आती रहेगी। लोग यहां वहां से शराब लेकर आते हैं हम नशा मुक्ति अभियान चलाएंगे जिससे लोग पीना ही छोड़ दें।”
उमा भारती ने टीकमगढ़ में अपने ग्रह ग्राम ढूंढा कि शराब दुकान को बंद कराने से इस अभियान की शुरुआत की थी. लोगों का कहना है कि शराबबंदी को लेकर उमा भारती अब पूरे मूड में आ चुकी है। लेकिन इस समय शिवराज के सामने राजस्व को लेकर बहुत बड़ा धन संकट आ चुका है। क्योंकि यदि प्रदेश में शराब को बैन किया जाएगा तो अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगेगा अगर नहीं किया तो पार्टी की कद्दावर नेता उमा भारती शिवराज सिंह के खिलाफ भी खड़ी हो सकती है।
उमा भारती ने कुछ समय पहले ही इशारो इशारो में कहा था कि थोड़े से राजस्व का लालच और माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता। देखा जाए तो सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है। जैसे मां जिसकी जिम्मेदारी अपने बालक का पोषण करते हुए उसकी रक्षा करने की हो सकती है,वही मां अगर बच्चे को जहर पिला दे तो सरकारी तंत्र द्वारा शराब की दुकान खोलना है ऐसा ही है ।