भारत रत्न सचिन तेंदुलकर पर भड़के शिवानंद तिवारी, दिया विवादित बयान

किसान आंदोलन को लेकर विदेशी हस्तियों के हस्तक्षेप पर विरोध जताने को लेकर भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि सचिन तेंदुलकर जैसे व्यक्ति को भारत रत्न देना गलत था।

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एक तरफ भारत का प्रत्येक व्यक्ति एक होकर भारत को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। वही हमारे ही देश के कुछ लोग विदेशी ताकतों के द्वारा हमारे देश को तोड़ने की साजिश रच रहे हैं। विदेशों में रहने वाले कुछ लोग हमारे देश के आंतरिक मामलों में दखल देना चाहते हैं और हमारे ही देश के कुछ नागरिक उन्हें अपने मामलों में बोलने की आजादी दे रहे हैं। रिहाना तथा मियां खलीफा के द्वारा किए गए कृत्य पर जब भारतीय मशहूर क्रिकेटर तथा भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने रियेक्ट किया तो यह रियेक्ट बहुत सारे लोगों को अच्छा नहीं लगा। राष्ट्रीय जनता दल के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने इस मामले पर बड़ा बयान देते हुए सचिन तेंदुलकर का विरोध किया। उन्होंने कहा,”भारत रत्न धारी के व्यक्ति किस किस तरह के उत्पादों का विज्ञापन करता है।यह भारत रत्न का अपमान है।”

उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,”केंद्र सरकार इन लोगों की जुबान से बयान दिलाकर दुनिया की आंखों पर पट्टी बांधना चाहती है।लेकिन ऐसा नहीं होगा क्योंकि दुनिया बहुत आगे बढ़ चुकी है। जब सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न दिया गया था तब भी मैंने इस बात का विरोध किया था। सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न देना गलत था।”

वहीं दूसरी तरफ सचिन तेंदुलकर के समर्थन में जनता दल यूनाइटेड आ चुका है। जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, “वैसे तो शिवानंद तिवारी निरर्थक तथा अन्य उद्देश्य बातें करते हैं। उनकी बातों को कोई भी गंभीरता से नहीं लेता है। लेकिन इस बार उनके द्वारा सचिन तेंदुलकर के लिए दिया गया बयान दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों तथा भारत की अस्मिता और स्वाभिमान पर एक कुठाराघात है। शिवानंद तिवारी जिस तरह से विदेशियों के साथ खड़े होकर देश का अपमान कर रहे हैं, उससे वे राष्ट्रीय जनता दल के अराजक चेहरे से दुनिया को परिचित करा रहे हैं। ”

सचिन ने किया था यह ट्वीट

सचिन तेंदुलकर ने ट्विटर पर लिखा, ‘भारत की संप्रभुता से किसी भी तरह से समझौता नहीं किया जा सकता है। बाहरी ताकतें देख सकती हैं, लेकिन इसमें हिस्सा नहीं ले सकती हैं। भारतीय भारत को जानते हैं और भारत को लेकर फैसले ले सकते हैं। एक देश के तौर पर हम एक रहते हैं।’ इससे पहले प्रज्ञान ओझा ने रिहाना को जवाब देते हुए ट्वीट किया था, ‘मेरा देश हमारे किसानों पर गर्व करता है और जानता है कि वे कितने महत्वपूर्ण हैं। मुझे विश्वास है कि इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। हमें हमारे अंदरूनी मामलों में किसी बाहरी व्यक्ति को नाक घुसेड़ने की जरूरत नहीं है।

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