किसानों से मिलेंगे शिवसेना नेता संजय राउत, बीजेपी को हराने के लिए विपक्ष का एक मात्र सहारा किसान आंदोलन

आज दोपहर 1:00 बजे शिवसेना नेता संजय राउत किसानों से मिलने के लिए गाजीपुर बॉर्डर जा सकते हैं। उन्होंने खुद इस बात की जानकारी दी है। किसान आंदोलन में विपक्ष की सभी पार्टियां किसान आंदोलन में काफी दिलचस्प दिखा रही है, जिसमें हाल ही में एनसीपी नेता शरद पवार भी शामिल हो गए। उन्होंने मुंबई से ही किसानों को संबोधित किया था।

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चित्र साभार@ANI

दिल्ली से सटे हुए बॉर्डर पर किसान संगठन पिछले 70 दिन से आंदोलन जारी रखे हुए हैं। इसी बीच उन्होंने ऐलान किया कि वह जल्द ही सड़कों पर चक्का जाम करेंगे और उनका समर्थन भी कई विपक्षी पार्टियां कर रही है, जो बेहद शर्मनाक होती जा रही हैं। दरअसल आज दोपहर 1:00 बजे शिवसेना नेता संजय राउत किसानों से मिलने के लिए गाजीपुर बॉर्डर जा सकते हैं। उन्होंने खुद इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने बयान देते हुए कहा,”‘किसान आंदोलन जिंदाबाद। मैं आज आंदोलनरत किसानों से मिलने के लिए दोपहर एक बजे गाजीपुर जाऊंगा। जय जवान, जय किसान।’

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किसान आंदोलन में विपक्ष की सभी पार्टियां किसान आंदोलन में काफी दिलचस्प दिखा रही है, जिसमें हाल ही में एनसीपी नेता शरद पवार भी शामिल हो गए। उन्होंने मुंबई से ही किसानों को संबोधित किया था। वहीं शिवसेना पार्टी के युवा नेता आदित्य ठाकरे ने भी अपने प्रतिनिधि को दिल्ली भेजा था। कांग्रेस भी अपना समर्थन किसान आंदोलन को दे चुकी है और आम आदमी पार्टी ने तो फ्री वाईफाई का भी ऐलान कर दिया था और अब तो खाने-पीने की चीजें भी मुहैया करा रही है। जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर अब वह एक ही सवाल उठाया जा रहा कि देश बड़ा है या फिर सत्ता?

हम आपको बता दें गणतंत्र दिवस के दिन हुए हिंसा के बाद भी किसान संगठन दिल्ली से सटे हुए सभी बॉर्डर पर तैनात थे, लेकिन वहां के स्थानीय निवासियों ने उन्हें वहां से जाने के लिए कहा था, जब किसान अपनी बात से नहीं हटे तो दोनों गुटों के बीच में काफी विवाद खड़ा हुआ, जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि स्थानीय निवासियों के रूप में वहां पर बीजेपी के कार्यकर्ता मौजूद थे। हालांकि बाद में यह बात साबित हो गई कि वह बीजेपी कार्यकर्ता नहीं बल्कि वही के स्थानीय निवासी थे और गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले में हुए हिंसा से काफी नाराज थे। इसलिए वह किसानों का समर्थन नहीं करना चाहते थे, लेकिन अब सभी पार्टियां मिलकर किसान आंदोलन का सहारा लेकर बीजेपी को सत्ता से हटाने में लगी हुई है।

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