साल 2021 में बंगाल विधानसभा चुनाव का आयोजन होने वाला है, जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस अपने प्रयास में लगी हुई है। इसी बीच कुछ खबरों की माने तो एनसीपी नेता शरद पवार ने कांग्रेस से अपना प्रतिशोध लेने का रास्ता चुन लिया है। दरअसल शरद पवार पिछले कई सालों से राजनीति में सक्रिय हैं और उन्हें राजनीति का मझा हुआ खिलाड़ी माना जाता है, लेकिन वो कुछ समय से कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं, जिसकी वजह से उन्होंने बंगाल विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ देने का फैसला किया है। इस संदर्भ में उन्होंने आज सीएम ममता बनर्जी से फोन पर बातचीत भी की है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शरद पवार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए सलाह देते हुए कहा कि वह चुनाव के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में प्रचार प्रसार करें और वह अपना गठबंधन क्षेत्र दलों के साथ करें। इससे उन्हें चुनाव में काफी फायदा हो सकता है और बीजेपी को इसका नुकसान झेलना पड़ेगा। वही कुछ खबरों की मानें तो दीदी कहीं जाने वाली ममता बनर्जी को शरद पवार का यह सुझाव काफी पसंद आया है और वह जनवरी के महीने में अपनी रैली निकाल सकती हैं।
हम आपको बता दें पवार ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि हाल ही में एक खबर सामने आई थी कि सोनिया गांधी की जगह शरद पवार को एनडीए का चेयरमैन बनाया जा सकता है, क्योंकि सोनिया गांधी अस्वस्थ हैं, जिसकी वजह से वह अपनी पार्टी को भी समय देने में असक्षम हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इस प्रस्ताव पर पूर्ण विराम लगा दिया था, जिसके बाद खबरें आई कि पवार अब कांग्रेस से काफी नाराज हो गए हैं और वह अपना राजनीति में कद बढ़ाना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने दीदी ममता बनर्जी का साथ देने का फैसला किया है।
वही कुछ खबरों की माने तो पवार बंगाल में भी अपनी जड़ मजबूत करना चाहते हैं। बता दे ममता बनर्जी को भी अभी किसी न किसी बड़े संगठन के साथ की जरूरत है, क्योंकि बीजेपी लगातार बंगाल में अपना कद मजबूत कर रही है और आए दिन टीएमसी के कई नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं, जिससे ममता काफी ज्यादा परेशान हो गई हैं। अब देखना काफी दिलचस्प होगा कि शरद पवार का सुझाव और ममता बनर्जी के लिए कितना फायदेमंद साबित होने वाला है।