सलमान खुर्शीद ने किया चिट्ठी लिखने वाले नेताओं का विरोध, बिना नाम लिए गुलाम नबी आजाद पर साधा निशाना

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि पार्टी लीडरशिप के मुद्दे पर फैसला सोनिया गांधी को ही करना है। उन्होंने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं का भी विरोध किया।

0
371

ऐसा लगता है कि 2020 कांग्रेस के लिए संकटों का पहाड़ लेकर आया है। पहले मध्यप्रदेश में हाथ में आई सत्ता चली गई, उसके बाद राजस्थान में इतना बड़ा हंगामा हुआ, और अब कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर पार्टी के नेता एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, “जिन लोगों ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी कि पार्टी में ऊपर से नीचे तक बदलाव होना चाहिए। उन्होंने अगर मुझसे लेटर पर साइन करने के लिए संपर्क किया होता तो भी मैं ऐसा नहीं करता। जिन लोगों ने चिट्ठी लिखी थी वह सोनिया गांधी तक पहुंच रखते हैं। उन्हें चिट्ठी लिखना की बजाय सोनिया गांधी से मुलाकात करनी चाहिए थी।”

सलमान खुर्शीद ने अपने साथी गुलाम नबी आजाद का बिना नाम लिए उन पर निशाना साधते हुए कहा, “जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ नेता पार्टी के शीर्ष पदों पर सालों तक रहे और उस वक्त भी जब ऐसे चुनाव नहीं हुए और तब भी पार्टी आगे बढ़ी है।”

हम आपको बता दें पार्टी के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में बदलाव की मांग की थी। यह चिट्ठी सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले लिखी गई। इसके बाद गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कहा था, “अगर कांग्रेस ने प्रमुख पदों पर चुनाव नहीं कराया तो कांग्रेस को 50 सालों तक विपक्ष में बैठना होगा।”

सलमान खुर्शीद ने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के लिए कहा, “मेरे जैसे लोगों की बात करें तो हमारे पास नेता है। हमारे पास सोनिया गांधी जी हैं, राहुल गांधी हैं। ऐसे में मुझे पार्टी लीडर चुने जाने की कोई तात्कालिक जरूरत नजर नहीं आती। एक अध्यक्ष का चुनाव ज़ब होना है होगा तब होगा? मुझे नहीं लगता कि आसमान टूट रहा है।” उन्होंने यह भी कहा, “अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि ऐसी जल्दबाजी की जरूरत इसमें क्यों आन पड़ी? हमारे पास कोई पार्ट टाइम प्रेसिडेंट नहीं है। फुल टाइम प्रेसिडेंट है और वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं है।”

Image Source : Tweeted by @salman7khurshid

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here