रामदास अठावले ने पीएम मोदी से की अनोखी मांग, बोले पूरे साल के लिए निलंबित किए जाएं राज्यसभा सांसद

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर राज्यसभा से निलंबित सांसदों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि इन सांसदों को एक सत्र के लिए नहीं बल्कि पूरे साल के लिए निलंबित कर देना चाहिए।

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आठ राज्यसभा सांसदों द्वारा उप सभापति महोदय के अपमान की राजनीति अब बढ़ती जा रही है। कई राजनेताओं ने इन सभी आठ सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी यह कहा था कि जब तक यह सभी सांसद अपने द्वारा किए गए अपमान की माफी नहीं मांगते हैं। तब तक इन सांसदों को सदन में वापस नहीं लिया जाना चाहिए।

इसी बीच केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने राज्यसभा के निलंबित सांसदों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। पत्र में उन्होंने कहा, ” सांसदों को उनके अनियंत्रित व्यवहार के लिए केवल एक सत्र के लिए नहीं बल्कि पूरे साल के लिए निलंबित किया जाना चाहिए। इसके बावजूद भी यदि उनके व्यवहार में सुधार नहीं होता तो उन्हें बाकी के कार्यकाल के लिए भी निलंबित कर दिया जाना चाहिए। सदन में इस तरह का कानून बनना चाहिए!”

दरअसल यह मामला है उस समय का जब राज्यसभा में कृषि सुधार अधिनियम को पारित किया जा रहा था जब यह अधिनियम पारित हो गए। उस वक्त विपक्ष के कुछ सांसदों ने हंगामा किया और न सिर्फ हंगामा किया बल्कि संवैधानिक मर्यादाओं के सभी अनुबंधों को तोड़ते हुए उपसभापति का अपमान भी किया। इनमें से एक सांसद ने उप सभापति की कुर्सी के पास जाकर बिलबुक को फाड़ दिया जो कि एक असंवैधानिक कार्य है। इसीलिए लगातार सत्तापक्ष के नेताओं ने और कई मंत्रियों ने इन सभी सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। इन सभी सांसदों ने अपने निलंबन को गलत बताते हुए संसद सदन के बाहर महात्मा गांधी की मूर्ति के नीचे एक दिन तक धरना दिया था, और अगले दिन भी धरना खत्म हो गया हालांकि उनका निलंबन वापस नहीं लिया गया इसी कारण विपक्ष ने राज्यसभा की कार्यवाही से बायकॉट कर दिया और यह कहा कि जब तक निलंबित सांसदों को वापस नहीं लिया जाता तब तक हम संसद की कार्यवाही में भागीदार नहीं होंगे।

यह वही अधिनियम है जिनके खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि सरकार की ओर से लगातार यह बताया जा रहा है कि यह अधिनियम किसी भी प्रकार से किसान विरोधी नहीं है बल्कि इनसे किसानों के लिए नए रास्ते खुल जाएंगे। वहीं दूसरी तरफ लगातार कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और अकाली दल यह कह रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसान विरोधी है और यह तीनों अधिनियम किसानों को बर्बाद करने के लिए लाए गए हैं।

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