पिछले कई दिनों से कांग्रेस पार्टी में दरार आ चुकी थी। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने पूर्णकालिक अध्यक्ष चुनने के लिए, तथा चुनाव कराने की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। जिसके बाद पार्टी नेता राहुल गांधी ने कई नेताओं के खिलाफ बयान दिया था और अब पार्टी में बहुत बड़ा फेरबदल हुआ है जिसमें आप यह मान सकते हैं कि राहुल गांधी के चहीते नेताओं को मौका मिला है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी का नए सिरे से गठन किया गया है। नया अध्यक्ष चुनने में सोनिया गांधी की मदद के लिए 6 नेताओं की कमेटी बनाई गई है। गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल बोरा, अंबिका सोनी, मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे वरिष्ठ नेताओं से महासचिव का पद छीन लिया गया है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की कांग्रेस वर्किंग कमेटी में 2 साल बाद वापसी हुई है। लेकिन अभी सचिन पायलट पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है। इस पूरे मामले में सबसे दु:खद खबर गुलाम नबी आजाद के लिए आई है क्योंकि वे अभी भी राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं और अब यह माना जा रहा है कि आने वाले समय में कांग्रेस शायद ही उन्हें राज्यसभा का टिकट दोबारा दे। इस कमेटी में सोनिया गांधी के सबसे भरोसेमंद व्यक्ति अहमद पटेल और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, मुकुल वासनिक, तथा रणदीप सुरजेवाला को शामिल किया गया है। उम्र की वजह से महासचिव पद से हटाई गई अंबिका सोनी भी इस कमेटी में शामिल हुई है।