अंदर छुपी कला को निखार रहे हैं जेल के कैदी, कैदी ने पैंटिंग को बनाया अपना रोजगार

बुरहानपुर जिले के रहने वाले सोनू रितिक को एक मामले में दस सजा की सजा सुनाई गई थी। जेल में रहते हुए उसने पेंटिंग करने का हुनर सीखा और आज वह जेल से बाहर है। तथा पेंटिंग को ही अपनी आजीविका का साधन बना चुका है।

0
674

सामान्य रूप से जब हम भी जेल का नाम सुनते हैं तो हमारे मन में खूंखार कैदियों की तस्वीर उभरने लगती है। हमें लगता है कि जेलों में भी लोग रहते हैं जो किसी न किसी गुनाह के कारण अपनी सजा भुगत रहे हैं। लेकिन आज हम आपको उस जेल की कहानी बताने वाले हैं जहां पर लोग और अपनी कला को निखार रहे हैं और अपने जीवन को जीने का नया तरीका ढूंढ रहे हैं। जेल के एक कैदी को कोरोना के चलते पैरोल पर छोड़ा गया था, तो उसने जेल में सीखे हुनर से एक कामयाब जिंदगी का सफर तय किया है। कहा जा रहा है कि जेल में सीखें पेटिंग बनाने के कार्य को उसने अपनी कमाई का जरिया बना लिया है। सजा के दौरान जिस जेल अधीक्षक ने उसके इस हुनर को पहचान दिलाई। उसी जेल अधीक्षक को उसने अपने हाथों से बनी पहली पेटिंग भेंट भी की है ।

मैं कभी गलत काम नहीं करूंगा

सोनू उर्फ रितिक 14 साल की सजा हुई थी। उसने अपनी 10 साल की सजा खंडवा सहित इंदौर सेंट्रल में काटी। इस दौरान उसने जेल में रहकर यह हुनर सीखा। अब वह कोरोना में मिली पैरोल के चलते जेल से बाहर है। सोनू का कहना है, “जब जेल में बंद था उस समय जेल अधीक्षक महोदय ने मुझे पेंटिंग और मूर्ति बनाने के लिए मोटिवेट किया। ताकि मैं बाहर निकल कर एक अच्छा इंसान बन सकूं। मैं पेंटिंग और मूर्ति बना कर मेरे परिवार का पालन पोषण हो रहा हूं। इसीलिए मैं आज अपने हाथों से बनी पहली पेंटिंग सर को भेंट करने आया हूं। मैं आज जो भी हूं इसमें सर का बहुत बड़ा योगदान है।  अब मैं कभी अपराध के रास्ते पर नहीं चलुंगा।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here