असम में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, “असम के लोग विकास और शांति के साथ हैं”

प्रधानमंत्री मोदी ने आज असम के तमुलपुर में एक जनसभा को संबोधित किया। इसके बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल में दो जनसभाएं करेंगे। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि इन दोनों चरणों के बाद लोगों ने यह तय कर लिया है कि असम में फिर एक बार NDA सरकार बनने जा रही है।

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देश के विभिन्न राज्यों में विधानसभा के चुनाव चल रहे हैं। इन्हीं चुनावों में अपने प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सबसे कद्दावर नेता और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार इन सभी राज्यों में चुनावी सभाएं कर रहे हैं। आज प्रधानमंत्री मोदी ने असम के तामूलपुर में एक जनसभा को संबोधित किया। दौरान उन्होंने कहा कि इन दोनों चरणों के बाद लोगों ने यह तय कर लिया है कि अब असम में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं से कहा, “पहली बार वोट डालने जा रहे युवा साथियों से मेरा विशेष आग्रह है। देश की आजादी के 75वें वर्ष का पर्व मनाते हुए आप जो वोट डालेंगे, वो इस बात को भी तय करेगा कि जब हम आजादी के 100 वर्ष मना रहे होंगे तब असम कितना आगे होगा। भाजपा के संकल्प पत्र में इसके लिए स्पष्ट रोडमैप है।”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा,”मैं यहां की माताओं- बहनों को विश्वास दिलाता हूं कि आपके बेटे के सपने पूरे करने के लिए हम लगे रहेंगे। आपके बच्चों को बंदूक न उठानी पड़े, उन्हें जंगलों में जिंदगी न गुजारनी पड़े, उन्हें किसी की गोली का शिकार न होना पड़े, इसके लिए एनडीए सरकार प्रतिबद्ध है। एनडीए सरकार मानती है कि किसी भी क्षेत्र के लोगों का विकास भेदभाव से नहीं, सद्भाव से होता है। इसी सद्भावना का परिणाम है कि लंबे इंतज़ार के बाद ऐतिहासिक बोडो अकॉर्ड तक हम पहुंच पाए। अनेक माताओं के आंसू पोंछनें, अनेक बहनों की पीड़ा को दूर करने के लिए हम सभी ने मिलकर प्रयास किया। ”

सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास है हमारी नीति

प्रधानमंत्री ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा,”हम परिश्रम करने वाले लोग हैं, समाज की सेवा के लिए दिन-रात एक करने वाले लोग हैं, विकास के लिए ईमानदारी से काम करने वाले लोग हैं। असम के लोग आज देख रहे हैं कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास हमारी नीति में भी है और नीयत में भी है। हम जब भी कोई योजना बनाते हैं, तो सबके लिए बनाते हैं। हर क्षेत्र के लोगों तक बिना भेदभाव और पक्षपात के योजना का लाभ पहुंचाने के लिए हम कड़ी मेहनत करते हैं। अगर हम बिना भेदभाव के काम करें तो कहते हैं कि ये कम्युनल हैं। सेक्यूलरिज्म-कम्यूनिज्म के इस खेल ने देश का बहुत नुकसान किया है।”

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