भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को मिलने का समय नहीं दिया है। इससे रुष्ट होकर अब मुख्यमंत्री दिल्ली में राजघाट पर जाकर वहां धरना देंगे और उसमें प्रदेश सरकार के सभी मंत्री और विधायक मौजूद रहेंगे!…यह जानकारी पंजाब के मुख्यमंत्री के ऑफिस से दी गई है। कृषि कानून के विरोध में पंजाब के किसान धरने पर बैठ गए हैं। पंजाब की किसान जत्थे बंदियों ने अब आंदोलन को तेज करने का फैसला लिया है।सोमवार को प्रदेश की विभिन्न जत्थे बंदियों ने मिलकर 5 नवंबर को प्रस्तावित देश भर में चक्का जाम करने का निर्णय लिया है। हालात प्रतिदिन बिगड़ रहे हैं और इन हालातों को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से यह कहा गया है, “हमने राष्ट्रपति महोदय से समय मांगा था लेकिन राष्ट्रपति महोदय ने हमें समय नहीं दिया है।” इसीलिए अब कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली में धरने पर बैठेंगे!… क्योंकि दिल्ली में धारा 144 लगी है, इसीलिए विधायक 44 के बैच बनाकर दिल्ली में जाएंगे और वहां जाकर धरना देंगे!
दरअसल 20 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने कृषि में सुधार लाने के लिए तीन नए कानून ला दिए हैं। जिन्हें लेकर लगातार पंजाब, हरियाणा और दिल्ली बॉर्डर के किसान आंदोलन कर रहे हैं। इन किसानों को अब कांग्रेस पार्टी का भी साथ मिल गया है और कांग्रेस पार्टी बिन के सुर में सुर मिलाकर कह रही है कि भाजपा सरकार कि देश के किसानों को बर्बाद करना चाहती है। कॉंग्रेस की ओर से लगातार यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि भाजपा सरकार एमएसपी खत्म कर देगी जबकि मोदी सरकार ने ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया है।
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